तीन दोस्तो ने हवा की कालिख से बना डाली 80 करोड़ के नेटवर्थ वाली कंपनी
अगर आपके पास से एक धुंआ उगलती बस गुजरती है तो आप अपने मुंह को ढकने के अलावा क्या करते हैं. ज्यादातर लोगो का जवाब होता है, कुछ नहीं. लेकिन अमेरिका से पीचएडी करने आए एक इंजीनियर के पास से जब प्रदुषित बस काला धुंआ छोड़ते हुए निकली तो उसे अपनी काली हो चुकी शर्ट और सांस लेने में होने वाली परेशानी के बीच एक विचार आया. एक ऐसा विचार जो धरातल पर आने के बाद 80 करोड़ की नेटवर्थ ले चुका है. अनिरूद्ध शर्मा एमआईटी मीडिया लैब से जुड़े इंजीनियर ने अपने दो और दोस्तों निखिल कौशिक और नितेश कादयान के साथ मिलकर हवा के प्रदुषण को इकट्ठा कर उससे स्याही बनाने की कंपनी खोली और नाम दिया— ग्रेविकी लेब्स.
क्या काम करती है ग्रेविकी
इस कंपनी ने सालों तक रिसर्च करके एक स्टील का पाइपनुमा उपकरण विकसित किया जो आपकी गाड़ी के साइलेंसर के आखिरी हिस्से में फिट किया जा सकता है. यहां यह उपकरण आपके साइलेंसर से निकले हुए धुंए के प्रदूषण को कैद कर लेता है और उस कालिख का उपयोग यह कंपनी ब्लैक इंक बनाने में करती है. कालिख इकट्ठा करने वाले इस उपकरण को नाम दिया गया है— 'कालिख'। एक अनुमान के अनुसार इस कपंनी द्वारा बनाए गए 30 मिलीलीटर इंक में कार द्वारा उत्पन्न 45 मिनट के वायु प्रदूषण होता है। पैसा कमाने से ये दोस्त प्रदुषण से निपटने का कारगर तरीका भी पेश कर रहे हैं।
कई पुरस्कार जीत चुकी है ग्रेविकी लेब्स
अपने इस इनोवेटिव आइडिया के लिए ग्रेविकी लेब्स को फॉरेन पॉलिसी टॉप 100 ग्लोबर थिंकर्स अवार्ड 2016, फॉर्ब्स 30 अंडर 30, शेल मेक द फ्यूचर एस्सीलेटर अवार्ड, कनास लायन इनावेशन गोल्ड अवार्ड और डीएंडएडी ग्रेफाइट पेन्सिल अवार्ड मिल चुका है।
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