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Top 10 Bollywood Monsoon Songs in Hindi

Top 10 Bollywood Monsoon Songs in Hindi
Top 10 Bollywood Monsoon Songs in Hindi

बरसात के मौसम के टॉप 10 गाने


मानसून के मौसम की भीगी—भीगी रुत में संगीत भरे सुरीले गाने किसे पसंद नहीं हैं। तेज गर्मी के बाद जब कुछ समय के लिए सावन—भादो की ये ऋतु आती है तो मन अपने आप ही झूम जाता है।


पदम सैनी @hindihaat
        बारिश की बून्दें जब तन को स्पर्श करती हैं तो दिल मोर की तरह मस्त हो जाता है। होंठ सुर और ताल से सजे बारिश के गाने गुनगुनाना शुरू कर देते हैं। इंसान फिर चाहे वो आठ साल का हो या साठ साल का अपने आप को सावन के इस मौसम में गाने से रोक नहीं पाता। सबसे पहले लता मंगेशकर और किशोर कुमार का गाया गया ये गाना लोग गुनगुना शुरू कर देते हैं- ’रिमझिम गिरे सावन, सुलग-सुलग जाए मन... भीगे आज इस मौसम में...’। आइए, हिन्द हाट पर जानते हैं कि बारिश के मौसम में बॉलीवुड के ऐसे कौनसे 10 मशहूर गाने गुनगुनाएं कि आपके दिल को सुकून मिले और आप तनाव से दूर होकर बरसात के मौसम का पूरा आनन्द ले सकें।

रिमझिम गिरे सावन...

        किशोर कुमार का ये सदाबहार गाना महानायक अमिताभ बच्चन और मौसमी चटर्जी पर फिल्म मंजिल में फिल्माया गया था। इस गाने को प्रसिद्ध गीतकार योगेश ने लिखा और पंचम दा ने संगीत दिया था। हम जब भी समय मिलने पर दूरदर्शन पर रंगोली कार्यक्रम देखते हैं, तो यह गाना अक्सर सुनने को मिलता है। बारिश के मौसम में तो अक्सर टीवी और रेडियो पर दर्शकों की पहली फरमाइश ही इस गाने की होती है।

अब के सजन सावन में...

        1975 में बनी फिल्म चुपके-चुपके के इस गाने के गीतकार आनन्द बक्शी हैं और लता मंगेशकर ने गाया है। सचिन देव बर्मन ने संगीत देकर आनंद बख्शी के इन शब्दो को हमेशा के लिए अविस्मरणीय बना दिया। चित्रपट ने गाने में शर्मिला टैगोर और धर्मेन्द्र की अदाकारी को हमेशा के लिए अमर कर दिया। प्रेमी प्रेमिका के किरदार को नजर में रखते हुए फिल्माया गया ये गाना अपने आप में इस बात की एक मिसाल है कि अगर गाने के बोलों में गहराई है तो फिर गाने में बारिश के शॉट हों या न हों, कोई फर्क नहीं पड़ता।

बरसात के मौसम में, तनहाई के आलम में...

        मनमोहक संगीत के साथ जब ये गाना शुरु होता है तो बारिश के साथ चित्रित किए गए इस गाने में परम्परागत वाद्य यंत्रों की मौजूदगी गाने की मधुरता बढ़ा देती है और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। नाजायज फिल्म का ये गाना कुमार शानू और रूप कुमार राठौड ने मुक्त कंठ से गाया है।

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है...

        1989 में आई फिल्म चांदनी का यह गाना दिल की व्यथा को बड़े गहरे सुरों में बयान करता है। आनंद बख्शी द्वारा लिखे इस गाने को सुरेश वाड़कर ने गाया है जिसे उस दौर की मशहूर जोड़ी विनोद खन्ना और श्रीदेवी पर फिल्माया गया है। पंडित शिव कुमार शर्मा और पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के शास्त्रीय संगीत के स्पर्श ने इस गाने को चार चांद लगा दिए थे।

प्यार हुआ, इकरार हुआ...

        पचास के दशक से आज के इस आधुनिक युग में शायद ही कोई संगीत प्रेमी हो जिसे 1955 में बनी श्री 420 मूवी का ये गाना पसंद न हो। यह बॉलीवुड जगत का सर्वाधिक पसंदीदा रूमानी संगीत भरा गाना है जो अभिनेता राज कपूर और अभिनेत्री न​रगिस पर फिल्माया गया था। सुनने में बेहद मनभावक इस गाने को शंकर जयकिशन की संगीत रचना ने और भी मनमोहक बना दिया था। इस गाने में शैलेन्द्र के बोल हैं।

चाक धूम—धूम, चाक धूम—धूम, घोड़े जैसी चाल...

        यह गाना बॉलीवुड के किंग खान और धक-धक गर्ल के नाम से मशहूर हर दिल अजीज माधुरी दीक्षित की फिल्म दिल तो पागल है का है। यह न केवल बारिश का रोमांटिक गाना है बल्कि इस गाने को किसी भी मौसम, डांस या कम्पी​टिशन में खूब काम में लिया जाता है। बारिश के अच्छे गीतों में से एक यह गाना पंकज नारायण और लता मंगेशकर ने गाया है।

आज रपट जाएं तो हमें ना उठइयो...

        1982 में बनी फिल्म नमक हलाल में किशोर कुमार और आशा भोंसले ने यह गाना गया है। जिसमें अभिनेता अमिताभ बच्चन और स्मिता पा​टिल की जोड़ी ने दर्शकों का मन मोह लिया था। आज भी जब भारी बारिश होती है तो बारिश के पानी में मस्ती करते हुए अपने आप ही इस गाने के बोल मुंह से निकल पड़ते हैं।

बरसो रे मेघा मेघा, बरसो रे मेघा मेघा...

        अपने जमाने की विश्व सुंदरी रही ऐश्वर्या राय पर फिल्माया गया यह गाना श्रेया घोषाल ने गाया है। गाने के लिरिक्स गुलजार साहब के हैं और इस गाने को म्यूजिक ए आर रहमान ने दिया है। गुरु मूवी की सफलता के पीछे इस गाने का भी काफी योगदान रहा था।

इक लड़की भीगी—भागी सी...

        1958 में आई मशहूर फिल्म चलती का नाम गाड़ी फिल्म के इस गाने के गीतकार थे मजरूह सुल्तानपुरी। गायक किशोर कुमार और संगीतकार सचिन देव बर्मन की जोड़ी ने ब्लैक एंड व्हाइट जमाने के इस गाने को इतना सुंदर ढंग से तैयार किया है कि गाने के बोलों में बारिश के रंग झलकते हैं।

अल्लाह मेघ दे पानी दे, पानी दे गुड़धानी दे...

        यह गाना बारिश के मौसम में गुनगुनाया जाता है यूं लगता है कि कोई इबादत की जा रही हो। वर्ष 1977 में आई फिल्म पलकों की छांव में का यह गाना गुलजार ने लिखा था जिसे हेमामालिनी पर फिल्माया गया था।

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