Colorful Fisheries In Hindi
ऐसे करे घर में रंगीन मछली पालन
विनीता सैनी@Hindihaat
रंगीन मछलीयों Colorful fishes जैसे गोल्डन फिश Golden fish, ब्लैक मोली Black molly , प्लेटी Platy, गप्पी Guppy, सोई टेल Soi tail, गोरामी Gourami, फाइटर Siamese fighting, एंजल Angel, टैट्रा Tetra, बार्ब Barb और आस्कर Oscar जैसी खूबसूरत Beautiful मछलीयों को शीशे Glass के एक्वेरियम Aquarium में पालना और घर में सजाना लोगों का समान्य फैशन हो गया है।
रंग बिरंगी मछलिया fisheries सभी का मन मोह लेती है। एक अनुसंधान के अनुसार रंगीन मछलियों के साथ समय व्यतीत Time spent करने से मानसिक तनाव mental stress कम होता है। आजकल विश्व में रंगीन मछलियों का व्यापार business करोड़ डालर को पार कर गया है हमारे देश में रंगीन मछली पालन शहरी Urban एवं ग्रामीण क्षेत्रों Rural areas में रोजगार सृजन Job creation की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। रंगीन मछली घर में रखना वास्तु शास्त्र architecture के हिसाब से शुभ माना गया है इन्हे घर में रखने से कई तरह के संकटो का निवारण होता है.
अपने ऊपर ले लेती है मुसीबतें
मछलियों के संबंध में एक और बात यह भी प्रचलित है कि उन्हें अठखेलियाँ करते हुए देखने से जहाँ मानसिक शांति mantle peace मिलती है, वहीं फेंगशुई शास्त्र के अनुसार मछली Fish धन को आकर्षित करती है और किसी भी आपदा को अपने ऊपर ले लेती है।
ऐसे बनाये फिश एक्वेरियम Fish aquarium
घर में रंगीन मछली पालन करने के लिए इस तरह बनायें फिश एक्वेरियम Fish aquarium यदि आप रंगीन मछली पालन को व्यवसाय के रूप में अपना रहे है तो भी फिश एक्वेरियम तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री यही काम आएगी.
एक्वेरियम कहां और कैसे रखें ?
पॉलिश किया हुआ शीशे का प्लेट. बल्ब लगा हुआ ढक्कन. टेबुल, स्टैंड.पेस्टिंग गन, छोटे-छोटे रंग-बिरंगे पत्थर. जलीय पौधे (कृत्रिम या प्राकृतिक). एक्वेरियम के पृष्ठ भूमि के लिए रंगीन पोस्टर, सजावटी खिलौने. रंगीन मछलिया पसंद के अनुसार.मछलियाँ का भोजन-जरुरत के अनुसार.हैंड नेट.बाल्टी.मग.स्पंज इत्यादि. थर्मामीटर, थर्मोस्टैट.फिल्टर उपकरण.एयरेटर.क्लोरिन मुक्त जल.
Where and how to keep aquarium
मछलियों के लिये तैयार एक्वेरियम Fish aquarium रखने का स्थान समतल Flat होना चाहिए तथा धरातल मजबूत होना चाहिए। लोहे या लकड़ी का बना मजबूत स्टैंड या टेबुल का प्रयोग किया जा सकता है। जहां एक्वेरियम रखना है वहां बिजली की व्यवस्था भी होनी चहिए। कोशिश करे की एक्वेरियम जहां हो, वहां उसके गिरने का डर न हो.
एक्वेरियम कैसा हो ?
Type of Aqarium
स्वयं एक्वेरियम निर्माण में सावधानी की आवश्यकता होती है। पालिस किये गए शीशे के प्लेट को साल्वेंट से जोड़कर आप एक्वेरियम बना सकते हैं। बाजार में उपलब्ध एक्वेरियम बिक्रेता से अपने पसंद का एक्वेरियम खरीद सकते हैं। घरों के लिए मुख्यत 60 गुना 30 गुना 30 से.मी. लम्बाई, चौड़ाई एवं उंचाई वाले एक्वेरियम की मांग अधिक है। शीशे की मोटाई 2-6 मी.मी. होनी चाहिए। एक्वेरियम को ढकने के लिए फाईबर या लकड़ी के बने ढक्कन का चुनाव कर सकते हैं। ढक्कन के अंदर एक बल्ब लगा होना चाहिए। 40 वाट के बल्ब की रोशनी एक साधारण एक्वेरियम के लिए उपयुक्त है।
एक्वेरियम कैसे सजाएं ?
How to decorate the aquarium?
एक्वेरियम को खरीदने के बाद उसे सजाने से पहले अच्छी तरह साफ पानी से धो लेना चाहिए। इसके बाद साफ बालू की परत बिछा देते हैं और उसके ऊपर छोटे-छोटे पत्थर की एक परत बिछा दी जाती है। पत्थर बिछाने के बाद थर्मोस्टैट, एयरेटर एवं फिल्टर को लगा दिया जाता है। एक्वेरियम में जलीय पौधे लगाने का प्रचलन है। बाजारों में आजकल कृत्रिम पौधे तरह-तरह के उपलब्ध है। एक्वेरियम को आकर्षक बनाने के लिए तरह-तरह के खिलौने अपने पसंद से लगाये जा सकते हैं। पौधे एवं खिलौने अपने पसंद से लगाये जा सकते हैं। पौधे एवं खिलौने को सजा लेने के बाद पानी भरा जाता है। एक्वेरियम में भरा जाने वाला पानी क्लोरिन मुक्त होना चाहिए। इसलिए यदि नल का पानी हो तो उसे कम से कम एक दिन संग्रह कर छोड़ देना चाहिए और फिर उस पानी को एक्वेरियम में भरना चाहिए।
अच्छे स्वाथ्य के लिए पानी की गुणवत्ता निम्नलिखित होनी चाहिए For the good health of fish, the quality of water should be
पैरामीटर
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मात्रा (value)
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pH
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7.5-8.5
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घुलित आक्सीजन
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5 मि०ग्रा०/लीटर
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क्षारीयता
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40-120 मि०ग्रा०/लीटर
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तापमान
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24o - 28o c
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एक्वेरियम में पानी भरने के बाद एक या दो दिन अनुकूलन के लिए छोड़ दिया जाता है। दो दिन बाद मछलियों को उसमें छोड़ना बेहतर माना जाता है।
एक्वेरियम में कितनी मछलियाँ रखें ?
How many fish in the Aquarium?
एक्वेरियम तैयार कर अनुकूलित करने के बाद उसमें विभिन्न प्रकार की रंग बिरंगी मछलियाँ पाली जाती है। रंगीन मछलियों की अनेक प्रजातियां हैं, पर इन्हें एक्वेरियम में एक साथ रखने के पहले जानना आवश्यक है कि ये एक दुसरे को हानि तो नहीं पहुंचाएंगे। छोटी आकार की मछलियाँ रखना एक्वेरियम के लिए ज्यादा बेहतर माना जाता है, जिनका नाम निम्नलिखित है -
ब्लैक मोली, प्लेटी, गप्पी, सोई टेल ,गोरामी, फाइटर, एंजल, टैट्रा, बार्ब, शार्क, आस्कर, गोल्ड फिश साथ ही इन मछलियों के अतिरिक्त कुछ देशी प्रजातियाँ हैं जिनको भी एक्वेरियम में रखा जा सकता है जैसे लोच, कोलीसा, चंदा, मोरुला इत्यादि। आमतौर पर 2-5 से.मी. औसतन आकार की 50 मछलियाँ प्रति वर्ग मी. जल में रखना ज्यादा बेहतर माना गया है।
मछली का आहार क्या हो ?
What is the diet of fish?
मछलियों का प्राकृतिक आहार प्लवक है परन्तु एक्वेरियम में मुख्यत कृत्रिम आहार का प्रयोग किया जाता है। बाजार में रंग-बिरंगे आकर्षक पैकेटों में इनका आहार उपलब्ध है। आहार दिन में दो बार निश्चित समय में शरीर भार के अनुसार दिया जाना चाहिए। यह मात्रा जरुरत के अनुसार बढ़ायी या घटायी जा सकती है। भोजन उतना ही देना चाहिए जितना मछलियां तुरंत खाकर खत्म कर दें। सप्ताह में एक या दो बार प्लवक भी खिलाना चाहिए इससे मछलियों की चमक बनी रहती है।
एक्वेरियम प्रबंधन के लिए आवश्यक बातें
Essential things for aquarium management
थर्मोस्टैट द्वारा पानी का तापमान 24 - 28 डिग्री के बीच बनाये रखें।
एयरेटर द्वारा वायु प्रवाह निरंतर करना चाहिए।
पानी साफ रखने के लिए फिल्टर का उपयोग करना चाहिए।
एक्वेरियम में उपस्थित अनावश्यक आहार, उत्सर्जित पदार्थों को प्रतिदिन साइफन द्वारा बहार निकालना चाहिए।
हर 15 दिन में एक बार आधा पानी निकलकर स्वच्छ पानी भरना चाहिए।
यदि कोई मछली मर जाती है तो उसे तुरंत निकाल देना चाहिए।याद कोई मछली बीमार हो तो, इसका उपचार करना चाहिए।
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