Selfitis Mental Disorder Quiz in Hindi
Selfitis Mental Disorder in Hindi
सेल्फी लेते-लेते सेल्फाइटिस तो नहीं हो गया ना
सेल्फी खींचना किसे अच्छा नहीं लगता। दोस्तों से काफी दिनों बाद मुलाकात हो, फैमिली के साथ कहीं घूमने गए हों या फिर शादी या बर्थ डे पार्टी हो। एक सेल्फी तो बनती ही है। लेकिन जब Selfie सेल्फी लेने का शौक सनक की हद तक बढ़ जाए तो संभलना जरूरी है क्योंकि ये एक मानसिक विकार भी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने इसे सेल्फाइटिस Selfitis नाम दिया है। अगर आप भी बार-बार सेल्फी पोस्ट करने के शौकीन हैं, तो ये लेख पढ़िए और पता लगाइए कहीं आप भी सेल्फाइटिस की चपेट में तो नहीं आ रहे?
सेल्फाइटिस क्या है
What is Selfitis
सेल्फाइटिस एक मानसिक विकार है, मनोवैज्ञानिकों के अनुसार जो व्यक्ति बार-बार फोटो खींचने और उन्हें सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट करने का आदी हो जाता है, वह इसका पीड़ित हो सकता है। वर्ष 2014 से सेल्फी लेने के जुनून को परिभाषित करने के लिए सेल्फाइटिस Selfitis नामक यह शब्द चलन में आया, वैज्ञानिक अभी इस पर और रिसर्च कर रहे हैं।
सेल्फी लेने के खतरे
Selfies are dangerous
सेल्फाइटिस या सेल्फी के नुकसान के बारे में बात करने से पहले आपको बता दें कि इस साल दुनिया में कम से कम 36 लोगों की मौत सेल्फी लेते हुए हुई है। कुछ नदी में गिर कर डूब गए, कुछ रोड या ट्रेन एक्सीडेंट का शिकार हो गए या बिल्डिंग से गिर कर जान गंवा बैठे। उड़ीसा के कटक में एक व्यक्ति की मौत तो हाथी के साथ सेल्फी लेने के चक्कर में हो गई क्योंकि हाथी भड़क गया और गुस्से में उसे कुचल दिया।
नो सेल्फी जोन
No Selfie Zone
सेल्फी लेते वक्त हादसों की आशंका को देखते हुए भारत के सबसे बड़े शहर मुम्बई में 16 इलाकों को नो सेल्फी जोन No Selfie Zone घोषित किया गया है। इनमें समुद्र किनारे के वे स्थान शामिल हैं जहां रेलिंग या बैरियर वगैरह नहीं हैं। इन क्षेत्रों में सेल्फी लेने वालों पर 1200 रुपए का जुर्माना किया जाता है।
यह भी पढ़ें:
सेल्फाइटिस बिहेवियर स्केल
Selfitis Behaviour Scale in Hindi
सेल्फाइटिस पर नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी और त्यागराजर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मदुरै के शोधकर्ताओं ने एक सेल्फाइटिस बिहेवियर स्केल “Selfitis Behaviour Scale” तैयार किया है, जिससे पता लगाया जा सकता है कि आपको सेल्फाइटिस है या नहीं।
इस शोध के अनुसार सेल्फाइटिस से पीड़ित ज्यादातर लोग अपना मनोबल बढ़ाने के लिए, दूसरों का ध्यान खींचने के लिए, अपना मूड अच्छा करने के लिए, यादें संजोने के लिए या फिर अपने दोस्तों और सोशल ग्रुप में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए सेल्फी का सहारा लेते हैं। सामाजिक जीवन की प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह बनाने का दबाव बार-बार सेल्फी लेने की बड़ी वजह हो सकता है।
सेल्फाइटिस बिहेवियर स्केल एक से दो सौ अंक तक होता है और इसे भारत में 200 लोगों पर अध्ययन के बाद तैयार किया गया है। भारत में यह अध्ययन करने की बड़ी वजह यह रही कि दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर्स भारत में ही हैं और खतरनाक जगहों पर सेल्फी लेने के कारण सबसे ज्यादा मौतें भी भारत में ही हुई हैं।
Kim Kardashian’s selfie obsession
किम कार्दशियन का सेल्फी जुनून
सेल्फी लेने की लत सिर्फ आम लोगों में ही नहीं पाई जाती। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी सेल्फी लेने के जुनून के लिए जाने जाते हैं। इन्हीं में से एक हैं हॉलीवुड स्टार किम कार्दशियन Kim Kardashian, जो अपने रिएलिटी शो कीपिंग अप विद द कार्दाशियन्स के लिए मशहूर हैं। सेल्फी लेने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर करने के जुनून के कारण उन्हें सेल्फी क्वीन भी कहा जाता है। किम कार्दाशियां ने अपने सेल्फी फोटोग्राफ्स की एक किताब ही प्रकाशित कर दी है। इस किताब का नाम है किम कार्दशियन वेस्टः सेल्फिश Kim Kardashian West: Selfish.
लोग सेल्फी क्यों लेते हैं
Why do people take selfie
नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में बिहेवियरल एडिक्शन के प्रोफेसर डॉ. मार्क ग्रिफिथ्स और त्यागराजर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के डॉ. जनार्थनन बालाकृष्णन ने यह सेल्फाइटिस बिहेवियर स्केल तैयार किया है। इनका मानना है कि सेल्फाइटिस पीड़ित लोग आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे होते हैं और दूसरों का ध्यान आकर्षित कर वे इसकी भरपाई करने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों को लगता है कि वे बार-बार सोशल मीडिया पर सेल्फी फोटो अपलोड कर समाज के लोकप्रिय वर्ग का हिस्सा बन रहे हैं, जबकि वास्तव में ऐसा कोई वर्ग असलियत में है ही नहीं।
उम्मीद की जा रही है कि अब जबकि सेल्फाइटिस जैसे मानसिक विकार की स्थिति का पता चला है, तो इस बारे में वैज्ञानिक शोधों में तेजी आएगी, जिससे पता चल सकेगा कि लोग आखिर क्यों और कैसे इस तरह का जुनून पाल लेते हैं और उन्हें कैसे सेल्फाइटिस से छुटकारा मिल सकता है।
सेल्फाइटिस का पता कैसे लगाएं,
Selfitis Quiz in Hindi
सेल्फाइटिस का पता लगाने के लिए आपको इन 20 सवालों के जवाब देने हैं और 1 से 5 तक अंक देने हैं। अगर आप पूरी तरह सहमत हैं तो पांच और अगर बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं तो एक। इस सेल्फाइटिस टेस्ट Selfitis Test में सबसे ज्यादा 200 अंक आ सकते हैं।
1.सेल्फी लेने से मुझे अच्छा महसूस होता है, ऐसा लगता है कि मैं माहौल का पूरा मजा ले रहा हूं।
2.अच्छी सेल्फी शेयर करने से मैं मेरे दोस्तों और साथियों की बराबरी कर सकता हूं।
3.जब सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हूं तो इससे मुझे खूब पहचान Attention मिलता है।
4.सेल्फी लेने से मेरा तनाव कम होता है।
5.सेल्फी लेने से मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ता है।
6.सेल्फी शेयर करने से दोस्तों में मेरी स्वीकार्यता acceptance बढ़ती है।
7.सेल्फी से मैं अपनी भावनाओं को अच्छी तरह व्यक्त कर पाता हूं।
8.अलग-अलग सेल्फी पोज़ बनाकर सेल्फी पोस्ट करने से मेरा सोशल स्टेटस बढ़ता है।
9.जब मैं सेल्फी पोस्ट करती हूं तो लगता है जैसे मैं बहुत पॉपुलर हो गई हूं।
10.ज्यादा सेल्फी लेने से मेरा मूड अच्छा हो जाता है और मुझे खुश रहने में मदद मिलती है।
11.जब मैं सेल्फी लेता हूं तो खुद के बारे में सकारात्मक यानी positive हो जाता हूं।
12.सेल्फी पोस्ट करने से मेरे यार-दोस्तों के ग्रुप में मेरा रुतबा बढ़ जाता है।
13.सेल्फी लेने से किसी मौके या किसी अनुभव की यादें अधिक ताजा रहती हैं।
14.जब मैं सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट करता हूं तो ज्यादा से ज्यादा लाइक और कमेंट चाहता हूं।
15.सेल्फी पोस्ट करने पर चाहता हूं कि दोस्त उसे देखें और तारीफ करें।
16.सेल्फी लेने से मेरा मूड तुरंत अच्छा हो जाता है।
17.सेल्फी लेने के बाद मैं अकेले में उन्हें देखता हूं।
18.जब मैं सेल्फी पोस्ट नहीं करती तो लगता है कि दुनिया में मेरी कोई पूछ ही नहीं है।
19.सेल्फी संभाल कर रखनी चाहिए, क्योंकि भविष्य में यही तो यादें बची रहेंगी।
20.मेरी सेल्फी दूसरों से अच्छी दिखे, इसके लिए फोटो-एडिटिंग करने में क्या बुराई है।
( 5- पूरी तरह सही, 4- सही, 3- सही या शायद नहीं भी, 2- सही नहीं, 1- बिल्कुल गलत)
सारे सवालों के जवाब दीजिए और खुद को अंक दीजिए। स्कोर जितना अधिक है, सेल्फाइटिस की संभावना भी उतनी ही अधिक है।
यह भी पढ़ें:
No comments