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Bird Flu: Symptoms, Causes, and Risk Factors in Hindi


बर्ड फ्लू की जानकारी, लक्षण, उपचार और बचाव

बर्ड फ्लू ने बैंगलोर के रास्ते एक बार फिर भारत में दस्तक दी है. भारत में इससे पहले भी कई बार बर्ड फ्लू आ चुका है लेकिन हर बार उस पर समय रहते नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया है. बर्ड फ्लू एक वायरल डिजिज है जो पक्षियों के माध्यम से इंसानों में आता है. अन्य फ्लू की तरह इसका वायरस जिसे एवियन एच5एन1 कहा जाता है.

जानिए सामान्य सर्दी, स्वाइन फ्लू और सीजनल फ्लू के लक्षणों में अंतर


बर्ड फ्लू क्या है?

What is Bird Flu

 एवियन इंफ्लूएंजा को ही सामान्य भाषा में एवियन फ्लू या बर्ड फ्लू कहा जाता है. यह फ्लू का ही एक प्रकार है जो पक्षियों को प्रभावित करता है. बर्ड फ्लू काफी हद तक स्वाइन फ्लू, डॉग फ्लू, हॉर्स फ्लू और हयुमन फ्लू की तरह ही होता है. बर्ड फ्लू इंफ्लूएंजा वायरस के तीन श्रेणियों ए, बी और सी में से ए श्रेणी का माना जाता है. बर्ड फ्लू का फिलहाल कोई इलाज नहीं है और मानव अपनी रोग प्रतिरो​धक क्षमता के बल पर ही इससे उबर पाता है.


बर्ड फ्लू वायरस का नाम क्या है? Bird Flu Virus name

एवियन इंफ्लूएंजा वायरस के कई सबटाइप होते हैं लेकिन उनमें से सिर्फ 5 सब टाइप ही मानव को संक्रमित करने की क्षमता रखते हैं. इनमें H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2 को शामिल किया जाता है. चिड़िया से मानव में यह संक्रमण सिर्फ उनके सम्पर्क में आने या उनका मांस खाने के दौरान हो सकता है. पॉल्ट्री फॉर्म के माध्यम से भी बर्ड फ्लू तेजी से फैल सकता है इसलिए मुर्गियों को होने वाला बर्ड फ्लू मानव के लिए सबसे ज्यादा घातक होता है.

बर्ड फ्लू मनुष्यों को कैसे फैलता है?

How is the bird flu transmitted to humans?


बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षियों (मृत या जीवित), चिड़िया के बीट, या उनकी आँखों से स्राव या श्वसन  के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है। संक्रमित पक्षी के साथ लंबे समय तक संपर्क  आमतौर पर संक्रमण का मुख्य कारण होता है।



मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण क्या हैं?

What are the symptoms of bird flu in humans?


यदि किसी व्यक्ति को बर्ड फ्लू है तो उसमें वही लक्षण सामने आते हैं जो एक सामान्य फ्लू में सामने आते हैं. पैथोलॉजी टेस्ट की इसको कन्फर्म करने का एक मात्र उपाय है. बर्ड फ्लू के प्रमुख लक्षण है
1. खाँसी
2. दस्त
3. सांस लेने में दिक्कत
4. बुखार (100.4 डिग्री से अधिक या 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक)
5. सरदर्द
6. मांसपेशियों में दर्द।
7. बहती नाक



बर्ड फ्लू मानव को कैसे प्रभावित करता है?

How does the bird flu affect humans?


एवियन फ्लू वायरस से संक्रमण से 100 से अधिक लोग मारे गए हैं, लेकिन अब तक यह व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक नहीं जा सकता है. यही कारण है कि मनुष्यों में कोई बड़ा फैलाव नहीं हुआ है. वैज्ञानिकों को पूरी तरह से यकीन है कि बर्ड फ्लू वायरस, जिसे एच 5 एन 1 कहा जाता है, अभी तक एक ऐसे स्ट्रेन में नहीं आया है जिसे मनुष्यों से मनुष्यों के बीच प्रसारित किया जा सकता है।


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आप कैसे जानते हैं कि आपकी मुर्गियों को बर्ड फ्लू हैं?

How do you know if your chickens have bird flu?


मुर्गियों में बर्ड फ्लू के निम्न लक्षण सामने आते हैं.
1. अचानक मौत।
2. ऊर्जा और भूख की कमी
3. अंडा उत्पादन में कमी
4. मुलायम खोल वाले अंडे
5. सिर, पलकें, कंधे में सूजन
6. कंधे और पैरों का बैंगनी हो जाना।
7. नाक बहना।
8. खांसना और छींकना

क्या बर्ड फ्लू आदमी को मार सकता है?

Is Bird Flu Fatal for Human?


यह सबसे अधिक पक्षियों के लिए घातक है और यह मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों के लिए भी घातक है. 1997 में पहली बार किसी आदमी के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का मामला सामने आया था. लेकिन यहां राहत वाली बात यह है कि हयुमन फ्लू के विपरीत, एच 5 एन 1 बर्ड फ्लू व्यक्ति से व्यक्ति तक आसानी से फैलता नहीं है लेकिन यह एक बार संक्रमित होने पर यह मानव के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. अब तक बर्ड फ्लू से संक्रमित 60 प्रतिशत लोगों की मौत हो चुकी है.

बर्ड फ्लू से बचाव

How can we prevent bird flu?


बर्ड फ्लू भी अन्य फ्लू की तरह ही संक्रमण और सम्पर्क में आने से होता है. बर्ड फ्लू से बचने के लिए बर्ड फ्लू अलर्ट के दौरान चिकन और मांसाहार से बचे क्योंकि भारत में मीट हाउस में चिकन और दूसरे मीट एक साथ प्रोसेस किए जाते हैं. ऐसे में एक तरह के मीट के संपर्क में आने पर दूसरे तरह का मीट भी संक्रमित हो जाता है. बर्ड फ्लू से बचने के लिए साफसफाई का विशेष ध्यान रखें. जिन लोगों में फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उनसे दूरी बनाकर रखें या फिर मास्क का इस्तेमाल करें. खाने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएं और अपने चेहरे को बारबार हाथ लगाने से परहेज करें.

बर्ड फ्लू इन इंडिया

Bird Flu in India


भारत में बर्ड फ्लू का इतिहास रहा है. सबसे पहले 2006 में पहली बार भारत में बर्ड फ्लू का वायरस पकड़ में आया था. इसके बाद 2008 में पश्चिम बंगाल में बर्ड फ्लू ने एक बार फिर पाया गया था लेकिन उस पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया. इसी तरह 2014 मे केरल में बर्ड फ्लू ने पैर पसारने की कोशिश की थी और अब एक बार फिर 2018 मे बर्ड फ्लू बैंगलोर के रास्ते भारत आया है.


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