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Festivals & Days of March 2018

मार्च  के त्यौहार और खास दिन 

Festivals & Days of March  Month

Fagotsav at Govind Dev ji Mandir Jaipur -Padam Saini 



इस वर्ष मार्च March 2018 के महीने में Month होली Holi,धुलंडी Dhulandi,संत तुकाराम जयंती Sant Tukaram Jayanti, राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस world Vaccination  Day, विश्व थिएटर डे world theater day, पापमोचनी एकादशी Papmochni Ekadashi,अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस world women day,शीतला अष्टमी Shitla Asthmi,चेटीचंड Chetichand, गणगौर Gangaur,यमुना छठ Yamuna Chhath,राम नवमीं Ram Navami,गुड फ्राइडे Good Friday , महावीर जयंती Mahaveer Jayanti ,हनुमान जयंती Hanuman Jayanti  प्रमुख हैं.



1 March 2018
Holi
2 March 2018
Dhulandi
3 March 2018
Sant Tukaram Jayanti
8 March 2018
Women's Day
9 March 2018
Shitla Asthmi
16March 2018
world Vaccination  Day
19March 2018
Chetichand
20March 2018
Gangaur
25 March 2018
Ram Navami
27March 2018
world theater day
29March 2018
Mahaveer Jayanti
30 March 2018

Good Friday
31 March 2018
Hanuman Jayanti

होली Holi



होली 2018 में 1 मार्च को हैहोली शब्द होलिका से आया है. इसका संबंध दैत्यराज हिरण्यकश्यप और भक्त प्रहलाद की कहानी से है.सत्य ने असत्य पर इस दिन विजय प्राप्त की थी.तब से लेकर आज तक होलिका-दहन की स्मृति में होली का पर्व मनाया जाता है.रंगो के इस त्यौहार के साथ ही ऋतू परिवर्तन भी हो जाता हैं. दो दिन के इस रंग बिरंगे पर्व की शुरुआत पहले दिन होलिका दहन से होती है.भारत के हर राज्य में होली का पर्व बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है.


होली ऐसा पर्व है जिसे सभी धर्मो के लोग साथ मिलकर मनाते  है. एक दूजे के रंग लगाते है और गले मिल सारे गिले शिकवे दूर करते है.बरसाने और बृज की होली,जयपुर के गोविंद देव जी के दरबार में पांच दिवसीय होली महोत्सव,पंजाब,हरियाणा, बंगाल,बिहार से लेकर नेपाल तक लोग होली त्यौहार मस्ती के साथ मनाते हैं.
       होली खेलने के लिए विदेशी सैलानी भी भारी संख्या  में भारत आते हैं. पिछले कुछ सालों में होली का प्रचलन इतना अधिक बढ़ गया है की कई देशो में होली का त्यौहार मनाया जाने लगा है.
होली की सम्पूर्ण कथा और जानकारी के लिए पढ़े होली की कहानी
होली के गाने

धुलंडी Dhulandi Utsav

    2 मार्च को धुलंडी महोत्सव (रंगों का त्योहार) होलिका दहन के बाद मनाया जाएगा.ये वसंत की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन, युवा और बूढ़े समान रूप से रंग और पानी के साथ खेलते हैं. लोग जी भर कर एक दूजे के साथ अबीर गुलाल की होली खेलते हैं. चारों ओर माहौल खुश-नुमा और रंगीन होता है.
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         इतिहासकारो के अनुसार धुलंडी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था जिसकी  खुशी में गाँव वालो ने बृंदावन में होली का त्यौहार मनाया था. भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास लीला रचाई थी और अगले  दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया. तब से रंग  खेलने का प्रचलन है. जिसकी शुरूआत वृन्दावन से हुयी थी और आज  भी ब्रज की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस International Women’s Day  


हर साल मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. 1975 में पहली बार यूनाइटेड नेशन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया था.पहले अधिकतर देशों में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था. उन्हें ये अधिकार दिलाने के मकसद से 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में महिला दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया था. पहला राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी को मनाया गया.इस दिन पुरे विश्व में महिला के लिए उनके सम्मान में अनेको कार्क्रमों का आयोजन किया जाता है.

शीतला अष्टमी Shitla Asthmi

शीतला अष्टमी 9 मार्च 2018 को है.हिंदी पंचाग के अनुसार ये पर्व चैत्र माह की अष्टमी को मनाई जाती है. शीतला अष्टमी के दिन को बासौड़ा भी कहा जाता हैं.यह पर्व स्वछता का प्रतिक होता है. इस दिन ठंडा खाना खाया जाता है. इस दिन लोग शीतला माता का व्रत भी करते है. भारत के लगभग हर गांव और शहर में होली के सातवें या आठवें दिन आने वाले सोमवार या गुरुवार के दिन शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता  है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर ठंडे जल से स्नान करें,शीतला माता की पूजा में हर तरह के स्वादिष्ट व्यंजन जो एक  दिन पहले बनाये  हुये  हो,सिर्फ उन्ही का भोग लगाते है.


        हमारे देश में यह व्रत साल में दो बार आता है. हिंदी पंचांग के अनुसार पहला चैत्र माह की अष्टमी को और दूसरा बैसाख महीने के बेदी पक्ष के किसी भी सोमवार या गुरुवार को. चैत्र माह में इसे बासौड़ा और बैसाख में इसे बूढ़ा बासौड़ा के नाम से जाना जाता  है.जो लोग चैत्र माह में ये व्रत और पूजा नहीं कर पाते है वे  बैसाख महीने के बेदी पक्ष को पूजा कर के शीलता माता को प्रसन  करते है.
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चेटीचंड Chetichand  



        चेटीचंड 19 मार्च 2018 को मनाया जायेगा. भारत,पाकिस्तान और सिंध सहित विभिने जगहों पर सिंधी समाज के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. चेटीचंड के अवसर पर सिंधी समाज द्वारा भगवान झूलेलाल के  जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन सिंधु सभ्यता के प्रतीक के रूप में एक- दूसरे के साथ भाईचारे को दृष्टिगत रखते हुए सिंधियत दिवस के रूप में  भी मनाया जाता है.जगह -जगह भगवान झूलेलाल की शोभा यात्रा के साथ ही अनेको कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.  

गणगौर Gangaur


गणगौर 2018 में 20 मार्च को है. हिंदी पंचांग के अनुसार गणगौर का पर्व चैत्र मास की कृष्ण तृतीया से प्रारंभ होती है.और गणगौर की मुख्य पूजा चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को की जाती है Gangaur के पर्व पर पार्वती के अवतार के रूप में गणगौर व भगवान शंकरजी के अवतार के रूप में ईसर जी की पूजा की जाती है. धुलण्डी के दिन से शुरु होकर 16 दिन तक चलने वाले इस त्यौहार के आखरी दिन जगह-जगह गणगौर के भव्य मेलों का आयोजन होता है. और ईसर और पार्वती जी का विसर्जन बड़े ही धूम-धाम से किया जाता है.एक पुरानी कहावत है कीतीज तींवारा बावड़ी ले डूबी गणगौरगणगौर के साथ ही त्योहारों पर चार महीने का विराम लग जाता है.
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राम नवमी Ram Navmi

2018 में राम नवमी 25 मार्च को है. हिंदी पंचाग के  अनुसार चैत्र माह की  नवमी के  दिन भगवान राम के  जन्म  उत्सव को पुरे धूम -धाम से मनाया जाता है.हिन्दू धर्म में राम नवमी का विशेष  महत्व है. भगवान राम विष्णु के मानव रूप के  सातवे अवतार थे.ऐसी मान्यता है की पृथ्वी से बुरी शक्तियों के हटने और धरती पर दैवीय शक्तियों के आगमन का प्रतीक है राम नवमीपृथ्वी पर  धर्म की स्थापना करने के लिए, भगवान विष्णु ने राम के रूप में अयोध्या के राजा दशरथ के घर पुत्र रुप में जन्म लिया था.

महावीर जयंती Mahaveer jayanti  

        महावीर जयंती इस साल 29 मार्च को मनाई जाएगी.जैन धर्म के 24वें और आखिरी तीर्थंकर,भगवान महावीर स्वामी  के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में महावीर जयंती मनाई जाती है. ये पर्व विशेष रुप से जैन धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है.महवीर स्वामी ने जैन धर्म के प्रमुख सिद्धान्तों को स्थापित किया था.इनका जन्म 540 ईसा पूर्व शुक्ल पक्ष के चैत्र माह के 13वें दिन, बिहार के वैशाली जिले के कुंडलग्राम में हुआ था. इस दिन सभी सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थाओं का अवकाश रहता है.और जैन मंदिरो में महावीर स्वामी की विशेष पूजा अर्चना के साथ ही उनके बताये रास्ते पे चलने के लिए शोभा  यात्रा और अन्य कार्यक्रम  का आयोजन किया जाता है.

      गुड फ्राइडे Good Friday       


मार्च 2018 में गुड फ्राइडे 30 तारीख को है. इस दिन ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह को सूली पर लटकाया था और उन्होंने प्राण त्यागे थेबाइबिल के अनुसारउस दिन शुक्रवार यानी फ्राइडे था. इसलिए इस दिन को गुड फ्राइडे मनाया जाता है.ईसा मसीह ने  धरती पर बढ़ रहे अत्याचार और पाप के लिए बलिदान देकर निःस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया था .ईसा मसीह को सूली पर लटकाए जाने के बाद उन्होंने कहा था की - ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करेंक्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं’. इसलिए गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है. इस दिन लोगों में प्रेम और विश्वास जगाने वाले प्रभु यीशु को याद किया जाता है और उनके उपदेशों को सुनाया जाता है. गुड फ्राइडे के दिन श्रद्धालु  प्रेमसत्य और विश्वास की डगर पर चलने का प्रण लेते हैं.

हनुमान जयंती Hanuman  jayanti


31 मार्च 2018 को राम भक्त  हनुमान के जन्मोस्तव को हनुमान जयंती के  रूप में मनाया जायेगा हनुमान जी  भगवान श्री राम के अनन्य  भक्त थे इस दिन सभी हनुमान मंदिरों में कार्यक्रम  का आयोजन किया जाता है. इस दिन लोग हनुमान जी की पूजा अर्चना करते है और हनुमान जी से  बल बुद्धि की कामना करते है. साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करते है. इस दिन जगह -जगह सूंदर कांड के पाठ का भी आयोजन किया जाता है.

श्री हनुमान चालीसा 


॥दोहा॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥१॥

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥२॥

॥चौपाई॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा, अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरङ्गी, कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥
कञ्चन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै, काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥
सङ्कर सुवन केसरीनन्दन, तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर ॥७॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचन्द्र के काज सँवारे ॥१०॥

लाय सञ्जीवन लखन जियाये, श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥
रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥
सहस बदन तुह्मारो जस गावैं, अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥१३॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना, राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥



तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना, लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥

जुग सहस्र जोजन पर भानु, लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥१९॥
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥
राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥
सब सुख लहै तुह्मारी सरना, तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥
आपन तेज सह्मारो आपै, तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥

सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा ॥२७॥
और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥
चारों जुग परताप तुह्मारा, है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥
साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥
राम रसायन तुह्मरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥

तुह्मरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥

अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥

और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥३५॥
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥

॥दोहा॥
पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥


                                                                                      Hindihaat.com 


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