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Ball Tempering in Cricket Hindi

बाॅल टेम्परिंग: क्रिकेट को बदनाम करता काम

क्रिकेट पर बाॅल टेम्परिंग का साया रह-रहकर मंडराता रहता है. बाॅल टेम्परिंग की वजह से कई खिलाड़ियों को अपने करिअर में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. भद्र पुरूषों का खेल माना जाने वाला क्रिकेट इसकी वजह से कई बार बदनाम हुआ है.

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क्या होती है बाॅल टेम्परिंग?

इंटरनेशनल क्रिकेट काउन्सिल ने इस खेल के लिए एक आचार संहिता बनाई है, जिसका हरेक खिलाड़ी को पालन करना होता है. इस आचार संहिता के लाॅ 41 के सबसेक्शन 31 के अनुसार क्रिकेट बाॅल को बिना किसी बाहरी चीज के पाॅलिश करना, गीली होने पर उसे साफ तौलिये से सुखाना और कीचड़ लग जाने पर उचित मार्गदर्शन में साफ करने के अलावा अगर उससे कोई छेड़छाड़ की जाती है तो इस काम को बाॅल टैम्परिंग माना जाएगा.

क्या बाॅल आल्टरिंग लीगल है?

अक्सर फील्ड में खिलाड़ियों को बाॅल आॅल्टरिंग करते हुए देखा जाता है. इसके लिए वे बाॅल पर अपनी थूक लगाकर उसे अपने शरीर के कपड़े से रगड़कर चमकाया जाता है. यह इसलिए किया जाता है कि ताकि हवा बाॅल के चमकदार हिस्से से तेजी से और गंदले हिस्से से देरी से गुजरे और बाॅल का मूवमेंट एक जैसा न रहे. यह दरअसल बैट्समैन को बाॅल की हवा में स्विंग को पहचानने की क्षमता कम कर देता है.


क्या सजा है बाॅल टैम्परिंग की?

फील्ड अपांयर बाॅल की कंडीशन जांचने के लिए अधिकृत है और उन्हें बाॅल की कंडीशन को समय-समय पर जांचना अनिवार्य होता है. अगर अंपायर को लगता है कि फील्डर या बाॅलर ने गेंद के साथ छेड़छाड़ की है तो वह सजा के तौर पर बैटिंग साइड को बोनस रन दे सकता है और ऐसी बाॅल को तुरंत बदला जाता है. बाॅल को बदलने का निर्णय पूरी तरह फील्ड अंपायर्स पर निर्भर करता है.  साथ ही दण्ड स्वरूप अंपायर बाॅलर को उस मैच में बाॅलिंग करने से रोक सकता है. मैदान के बाहर इस गलती की गंभीर सजा मैच फीस से लेकर खिलाड़ी पर प्रतिबंध लगाने तक हो सकती है. कप्तान को इस तरह की गलती की सजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए. 

कब-कब हुई बाॅल टैम्परिंग?

- अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सन 2000 में वकाय युनूस को गेंद के छेड़छाड़ की वजह से संस्पेंशन का सामना करना पड़ा था. ऐसे काम की सजा पाने वाले वे पहले अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी थे.

- आॅस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मीथ को मार्च, 2018 में बाॅल टेम्परिंग की वजह से अपनी कप्तानी से हाथ धोना पड़ा.

- इसी मैच में की गई बाॅल टेम्परिंग की वजह से उपकप्तान डेविड वाॅर्नर को भी अपना पद गंवाना पड़ा था.

- इससे पहले बाॅल टेम्परिंग को लेकर 1994 में ‘डर्ट इन पाॅकेट’ विवाद में इंग्लैण्ड के कप्तान माइकल आर्थटन को घसीटा गया जिसमें उनमें अपनी जेब में रखी किसी चीज से गेंद को रगड़ते हुए कैमरे ने कैद किया. 

- माइकल आर्थटन ने बाॅल टैम्परिंग से साफ इंकार करते हुए कहा कि उनकी जेब में बस धूल थी जिसे वे अपने हाथों को सूखा रखने में उपयोग में लेते हैं. मैच रेफरी ने उनका पक्ष सुनने के बाद उनको चेतावनी दी और उन पर 2000 पौंड का जुर्माना लगाया.


बाॅल टेम्परिंग और सचिन तेंदुलकर

बाॅल टेम्परिंग को लेकर सचिन तेंदुलकर जैसे आदर्श खिलाड़ी पर भी आरोप लग चुके हैं. सचिन तेंदुलकर पर यह आरोप 2001 में तब लगा जब भारतीय टीम साउथ अफ्रिका दौरे पर पोर्ट एलिजाबेथ में टेस्ट मैच खेल रही थी. उस दौरान सचिन तेंदुलकर पर बाॅल टेम्परिंग का आरोप लगाया. सचिन ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि वे सिर्फ बाॅल पर लगी घास साफ कर रहे थे. वीडियो से उनके बयान की पुष्टि हो रही थी कि उन्होंने बाॅल के साथ कोई छेड़छाड़ नही की है. इसके बावजूद रेफरी माइक डेनिस ने उन पर संस्पेशन आरोपित कर दिया. माइक डेनिस का भारी विरोध हुआ. उन पर नस्लभेद के आरोप लगे और तीसरे टेस्ट में उन्हें स्टेडियम में प्रवेश करने से रोक दिया गया. आईसीसी को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. टीम ने रेफरी को मानने से इंकार कर दिया. बीसीसीआई भी सचिन के पक्ष में खड़ी रही. आखिर में आईसीसी को अपना फैसला बदलते हुए सचिन तेंदुलकर को बाॅल टैम्परिंग के आरोपो से बरी करना पड़ा.


बाॅल टैम्परिंग और विवाद

- राहुल द्रविड़ पर भी बाॅल टेम्परिंग का अरोप लगा और उन्हें 50 प्रतिशत मैच फीस जुर्माने के तौर पर भरना पड़ा. 
- इंग्लैण्ड के बल्लेबाज मारकस ट्रेस्कोथिक ने अपनी आत्मकथा कमिंग बैक टू मी में बाॅल टेम्परिंग को स्वीकार करते हुए लिखा कि मिंट का उपयोग करते हुए वे बाॅल की चमक बढ़ाया करते थे. लंबे अभ्यास के बाद उन्हें इस काम में महारथ हासिल हो गई थी.
- इंग्लैण्ड और पाकिस्तान के बीच एक 2006 में एक टेस्ट का नतीजा बाॅल टेम्परिंग की वजह से निर्धारित हुआ. पाकिस्तान पर बाॅल टेम्परिंग के कारण 5 रन की पेनल्टी लगाई गई और बाॅल बदल दी गई. विरोध स्वरूप पाकिस्तान की टीम चाय काल के बाद खेलने ही नहीं उतरी तो अंपायर्स ने इंग्लैण्ड को विजेता घोषित कर दिया.
- इंग्लैण्ड के गेंदबाजो स्टूअर्ट ब्राॅड और जेम्स एंडरसन पर भी बाॅल टेम्परिंग का अरोप 2010 में लगा. उन्हें गेंद को मैदान और अपने जूतो की स्पाइक्स से रगड़ने का दोषी पाया गया. हालांकि अधिकारिक तौर पर इसे साबित नहीं किया गया और उन पर कोई जुर्माना नहीं लगा.
- पाकिस्तान और बाॅल टेम्परिंग का चोली-दामन का साथ है. शाहिद आफरिदी पर 2010 में बाॅल टेम्परिंग की वजह से दो टी-20 मैच का प्रतिबंध लगा. 
इस तरह के ढेरों मामले अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में घटित हुए जिससे कई नामचीन खिलाड़ियों को शर्मिन्दा होना पड़ा. बाॅल टेम्परिंग क्रिकेट में एक ऐसा हौआ है जिससे मैच तो जीत जाता है लेकिन खेल हार जाता है.

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