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Isa Masih Quotes & Easter Date in Hindi

Isa Masih Quotes in Hindi


ईसा मसीह के अनमोल वचन
Isa Masih quotes in hindi, Isa masih ke updesh


सदैव सच्चाई व ईमानदारी की राह पर चलने और दीन-दुखियों की भलाई की सीख देने वाले यीशु मसीह इतने विनम्र थे की जिन लोगो ने उन्हे सूली पर  टाक था यीशु मसीह ने प्रभु से उन्हे भी क्षमा करने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा की, हे प्रभु इन्हें क्षमा करना,क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।यीशु मसीह के ऐसे विचार जिन पर यदि अमल किया जाये तो जीवन में परिवर्तन ला सकते है और इंसान का इंसान के प्रति प्रेम और बढ़ेगा ।

  • हे प्रभु इन्हें क्षमा करना,क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।
  • तुम्हें बुरे काम और व्यभिचारिता नहीं करनी चाहिए। कभी भी हत्या,चोरी और लालच जैसे बुरे काम नहीं करना चाहिए, सदैव सच्चाई  और ईमानदारी की राह पर चलते हुए दिन - दुखिओं की भलाई के लिए काम करना चाहिए।
  • अगर आप अपने आप को सही बनाना चाहते हो तो जाओ अपनी सारी सम्पत्ति को ग़रीबों मे बाँट दो. तुम्हें स्वर्ग का खजाना मिल जायेगा. और इस अच्छे  काम मैं तुम्हारे साथ हूँ, काल के अंत तक।
  • मैं तुम्हें एक नया आदेश देता हूँ सभी एक दूसरे से प्रेम करो, जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, वैसे ही  तुम सब भी एक दूसरे से प्रेम करो और सिर्फ रोटी के लिए नहीं जीना चाहिये बल्कि भगवान के मुख से निकले हर शब्द के  मुताबिक जीना चाहिये।


  • जिस तरह डॉक्टर की जरुरत बीमार आदमी के लिए होती है ना की स्वस्थ आदमी के लिए, वैसे ही में इस पृथ्वी पे पापियों के पश्चाताप के लिए आया हुआ हूँ आप अपने दिल को मुश्किल में मत डालो, गॉड पर भरोसा रख और मुझ पर  विश्वास करो।
  • ध्यान से देखो ! मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और आपका दरवाज़ा खटखटा रहा हूँ अगर कोई मेरी आवाज सुनकर दरवाजा खोलता है तो मैं अंदर आऊंगा और उसके साथ भोजन करूँगा और वो मेरे साथ करेगा।
  • कोई भी व्यक्ति पाप में जीवन व्यतीत ना  करे। बल्कि  प्रत्येक व्यक्ति पाप से मुक्ति प्राप्त करे और अनंत जीवन पाए।
  • कोई भी अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं देता और कोई बुरा पेड़ अच्छा फल नहीं  देता है। हर पेड़  की पहचान अपने फल से होती है। वैसे ही जो इंसान छोटी से छोटी बातों में ईमानदारी बरतता है, वह बड़ी बातों में भी ईमानदार होता है। वैसे ही जो छोटी से छोटी बातों में भी बेईमान है, वह बड़ी बातों में भी बेईमान है।
  • जो भी मांगता है, उसे दिया जाता है, जो ढूँढता है उसे मिल जाता है और जो खटखटाता है, उसके लिए द्वार खोला जाता है।
चलो तुम मे से एक जो पापी न हो वो पत्थर मारने वाला पहला व्यक्ति हो।

क्यों मनाते है ईस्टर?

1 अप्रैल 2018 को ईस्टर Easter मनाया। ईसाई धर्म के अनुसार, यीशु मसीह को जब सूली पर लटका दिया गया था तब वह तीन दिन बाद पुनर्जीवित हो गए थे। इसी दिन को ईस्टर दिवस के रूप में मनाते हैं।

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