Tokyo Olympic Games 2020: Hindi Essay
टोक्यो ओलम्पिक खेल 2020 के बारे में रोचक जानकारी
ओलम्पिक खेल 2020 में जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित किए जाएंगे. XXXII Olympic Games 32वें ओलम्पिक खेलों का आयोजन 24 जुलाई से 9 अगस्त 2020 तक किया जाएगा. ओलम्पिक खेलों के आयोजन की दावेदारी टोक्यो ने स्पेन की राजधानी मेड्रिड और तुर्की की राजधानी इस्तांबुल को पीछे छोड़ कर हासिल की है.
टोक्यो ओलम्पिक खेल 2020 की ऑफिशियल वेबसाइट tokyo2020.jp के अनुसार आगामी ओलम्पिक खेलों के दौरान प्रतियोगिताओं का आयोजन जापान के चार प्रान्तों चिबा, कनागावा, साइतमा और शिजुओका में किया जाएगा. टोक्यो में इससे पहले 1964 में ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया जा चुका है. ये एशिया में हुए पहले ओलम्पिक खेल थे.
टोक्यो ओलम्पिक 2020 का शुभंकर |
Paris Olympics 2024 पेरिस ओलम्पिक खेल 2024
ओलम्पिक खेल 2024 फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित किए जाएंगे. XXXIII Olympic Games 33वें ओलम्पिक खेलों का आयोजन 26 जुलाई से 11 अगस्त 2024 तक किया जाएगा.
इसी प्रकार, XXXIV Olympic Games ओलम्पिक खेल 2028 अमेरिका के शहर लॉस एंजिल्स में आयोजित किए जाएंगे.
History of Olympic Games in Hindi ओलम्पिक खेलों का इतिहास
ओलम्पिक खेल विश्व में खेलों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन हैं. इन खेलों का आयोजन हर चार वर्ष बाद किया जाता है. खेलों के इस महाकुम्भ का इतिहास करीब 2,800 वर्ष पुराना है.
ओलम्पिक खेलों का उद्देश्य खेलों के माध्यम से शिक्षा और शांतिपूर्ण एवं बेहतर विश्व के निर्माण को बढ़ावा देना है. ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलम्पिक खेलों का आयोजन अलग-अलग किया जाता है.
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प्राचीन ओलम्पिक खेल
प्राचीन ओलम्पिक खेलों की शुरुआत करीब 2800 वर्ष पहले 776 ईसा पूर्व में यूनान यानी ग्रीस Greece में हुई थी. हरक्यूलिस और उसके पिता ज्यूस को प्राचीन ओलंपिक खेलों का जनक कहा जाता है. हरक्यूलिस ने ही ग्रीस के ओलम्पिया क्षेत्र में शुरुआत के कारण इन खेलों को ओलम्पियाड Olympiad नाम दिया. उसी ने तय किया कि इन खेलों का चार साल के अंतर से किया जाएगा. कहा जाता है कि ओलम्पियाड ईश्वर की आराधना को समर्पित एक खेल एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता थी. उस समय चल रहे कई तरह के संघर्षों के कारण प्राचीन ओलम्पिक खेलों का आयोजन जारी नहीं रह सका. रोमन सम्राट थियोडोसिस ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया. 393 ईसवी में यह आयोजन पूरी तरह बंद हो गया. प्राचीन ओलम्पिक खेल इतने अधिक लोकप्रिय थे कि युद्ध भी इसके लिए टाल दिए जाते थे. प्राचीन ओलंपियाड में बॉक्सिंग, कुश्ती, घुड़सवारी आदि प्रमुख खेल थे.
आधुनिक ओलम्पिक खेल
करीब 1500 साल बाद 1892 में फ्रांस के शिक्षाविद बैरन पियरे द कुबर्तिन ने ओलम्पिक खेलों को पुनः शुरू करने का अभियान छेड़ा. जून, 1894 में पेरिस में हुए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कुबर्तिन ने ओलम्पिक खेलों के फिर से आयोजन का विचार लोगों के सामने रखा, जिस पर सर्वसम्मति बन गई. इसके दो वर्ष बाद 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में पहले आधुनिक ओलम्पिक खेल का आयोजन किया गया. प्राचीन ओलम्पिक खेलों की आयोजन स्थली होने के कारण ही ग्रीस का इन खेलों के पुनः आयोजन के लिए चयन किया गया. 1896 के एथेंस ओलम्पिक खेलों में 14 देशों का प्रतिनिधित्व 241 एथलीटों ने किया, इन्होंने 43 मुकाबलों में हिस्सा लिया.
कुवर्तेन ने दो लक्ष्य रखे, एक तो खेलों को अपने देश में लोकप्रिय बनाना और दूसरा, सभी देशों को एक शांतिपूर्ण प्रतिस्पर्धा के लिए एकत्रित करना. कुवर्तेन मानते थे कि खेल युद्धों को टालने के सबसे अच्छे माध्यम हो सकते हैं.
कुवर्तेन को शुरुआती वर्षों में ओलम्पिक को लोकप्रिय बनाने में काफी संघर्ष करना पड़ा. वर्ष 1900 में पेरिस तथा 1904 में सेंट लुई में हुए ओलंपिक आयोजन बहुत औसत दर्जे के ही हो सके. लंदन में चौथे ओलंपिक खेल के बाद से इन खेलों की बढ़ती ही चली गई.
ओलम्पिक खेलों का प्रतीक चिन्ह
ओलम्पिक खेलों का पांच छल्लों वाले प्रतीक चिन्ह को भी बैरन पियरे द कुबर्तिन Baron Pierre de Coubertin ने ही तैयार किया था. यह चिन्ह विश्व के प्रमुख पांच महाद्वीपों की एकता का प्रतीक माना जाता है. ओलम्पिक ध्व ज सफेद रंग का होता है जिसमें ओलम्पिक खेलों का यह प्रतीक चिन्ह बना होता है.
Controversies relating to Olympics ओलंपिक से जुड़े विवाद
वर्ष 1936 में आयोजित बर्लिन ओलंbपिक खेलों में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने आयरलैंड को स्वतंत्र देश के रूप में ओलंपिक में भाग लेने की अनुमति नहीं दी, जिसके विरोध में आयरलैंड ने इन खेलों का बहिष्कार कर दिया. 1956 के मेलबर्न ओलंपिक खेलों पर राजनीतिक साया सबसे अधिक छाया रहा. नीदरलैंड्स, स्पेन और स्विट्जरलैंड ने मेलबर्न ओलंपिक 1956 में भाग नहीं लिया क्योंकि ये देश हंगरी में सोवियत संघ के बढ़ते दखल से नाखुश थे. स्वेज नहर विवाद के चलते मिस्र, इराक, कंबोडिया एवं लेबनान ने भी मेलबर्न ओलम्पिक में हिस्सा नहीं लिया. 1976 के मांट्रियल ओलंपिक का 28 देशों ने बहिष्कार किया. अफगानिस्तान में सोवियत संघ के दखल के विरोध 65 देशों ने मॉस्को ओलंपिक 1980 का विरोध किया था. जवाब में सोवियत संघ सहित 14 देशों ने 1984 में लॉस एंजिलिस ओलंपिक में हिस्सा नहीं लिया.
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