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ayurved ke gharelu nuskhe in hindi- नमक के औषधीय गुण

नमक से होता है 20 बीमारियों का उपचार

Salt Benefits in Hindi

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शायद आपने कभी नहीं सोचा होगा कि दैनिक प्रयोग में आने वाला नमक सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता, इसमें अनेक औषधीय गुण छिपे हैं यदि इन गुणों को ध्यान में रखा जाए जाए तो  डॉक्टर की कितनी फीसों से  हम बच सकते हैं.

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आई लोशन (आंख की दवा) बनाने की विधि - How to make Eye Lotion


अर्क सौफ बढ़िया आठ ग्राम में सेंधा नमक छः ग्राम बारीक पीसकर अच्छी तरह मिला लें और शीशी में बंद रखें, प्रातः व सायं दो-दो बूंदें आंखों में डालने से सुर्खी, धुंध, जाला, आंखों से पानी बहना आदि रोग दूर होते हैं. 

कान दर्द का घरेलू उपचार Home Remedies for  Earache 

साठ ग्राम लाहौरी नमक (सफेद) 250 ग्राम पानी में बारीक पीसकर मिलाएं. जब बिल्कुल घुल जाए तो इसमें 120 ग्राम तिल्ली का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं. जब पानी जलकर केवल तेल बच रहा हो तो उतारकर रख दें. दो-तीन दिन में तेल ऊपर आ जायेगा. इसे निथारकर शीशी में रख लें. दो बूंद गुनगुना करके कान में टपकाएं, तीव्र से तीव्र दर्द भी तुरन्त बंद होगा. यह कान बहने में भी लाभदायक है.

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पेट के कीड़े का घरेलू उपचार - Home Remedies for Stomach Worms

नमक बारीक चार ग्राम प्रातः गाय की छाछ के साथ लिया जाये तो कुछ ही दिनों में कीड़े मर जाते हैं.


सुरमा मोतियाबिन्द का घरेलू उपचार - Home Remedies for Cataract 

लाहौरी नमक चमकदार पन्द्रह ग्राम, कूजा मिश्री तीस ग्राम - दोनों को तरल में डालकर सुरमा बनाएं. इसका इस्तेमाल प्रारम्भिक मोतियाबिंद में अति लाभदायक है.इसके अतिरिक्त यह सुरमा धुंध, जाला, फूला इत्यादि के लिए भी अति गुणकारी है.

दस्त का घरेलू उपचार - Home Remedies for Loose Motions 

तीन ग्राम काला नमक एक चम्मच पानी में पकाकर देने से दस्त आदि बन्द हो जाते हैं और हाजमा ठीक हो जाता है और बीमार व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ हो जाता है.

औषधि मात्रा - आयु के अनुसार तीन ग्राम से छः ग्राम तक. यदि एक- दो माह पश्चात्  पेट की दोबारा शिकायत हो जाए तो दोबारा दे दें.

कैसे बनाएं नमक से अमृत चूर्ण -  How to make Amrit Churna with Salt 

अमृत चूर्ण बना्ने के लिए काला नमक तीस ग्राम, शुद्ध नौशादर 15 ग्राम धतूरे के बीज आठ ग्राम, काली मिर्च दो ग्राम और सत पुदीना (क्रिस्टल) दो रत्ती लें. सब चीजों को बारीक पीसकर मिला लें. बस औषधि तैयार है.

इस चूर्ण की पहली खूबी यह है कि अपने अद्भुत प्रभाव से मैदे को मल से साफ करके मन्दाग्नि को तेज कर देती है. खाया-पिया खूब पचता है और नया खून पैदा होता है.

इसी प्रकार मितली, कै, खट्टी डकारें, पेट का भारी रहना, जिगर की कमजोरी, तिल्ली, वायु गोला, दमा-खांसी, नजला और मलेरिया के लिए उपयोगी है. इसके अतिरिक्त सिर-दर्द में तथा विषैले जीवजन्तुओं के काटने पर भी लाभदायक है-अर्थात् सिर से लेकर पांव तक के सभी रोग विभिन्न तरीको से दूर होते हैं. 

गृहस्थियों को चाहिए कि यह अमृत-चूर्ण बनाकर घर में सुरक्षित रखें और आवश्यकता पड़ने पर घरेलू रोगों का उपचार इसी औषधि से करके डाक्टरों के भारी बिलो से बचें.

सेवन-विधि - प्रायः यह औषधि केवल जल के साथ ही सेवन की जाती है. लेकिन कई रोगों में इसे कई तरीकों से भी काम में लिया जाता है. दांत-दर्द में और विषैले कीडे़ के काटने पर इसे मलना चाहिए. 

आधे सिर के दर्द में इसे सूंघना चाहिए, बुखार की हालत में कब्ज दूर करके अर्क अजवाइन के साथ देने से पसीना आकर बुखार उतर जाता है. इसी प्रकार अनुभवी और समझदार चिकित्सक इसे प्रत्येक रोग में उचित तरीके से इस्तेमाल करवा सकता है.

थकी आंखों के लिए घरेल उपचार - Home remedies for tired eyes 

जब त्वचा में काफी तरावट नहीं रहती तो यह ढ़ीली पड़ कर आंखों के आस-पास झुर्रियां पड़ जाया करती हैं. इसके लिए तो लम्बा इलाज है परन्तु दिन-भर काम करने के पश्चात् आंखों के इर्द- गिर्द जो गड्ढे पड़ जाते हैं, उनके लिए नमक का उपयोग लाभदायक है. इनकी विधि यह है कि साधारण नमक का एक चम्मच आधा गिलास गर्म पानी में घोल लें. 

फिर एक बड़ी सी कपड़े की गद्दी बना लें और इसे नमकीन पानी में डुबोएं, तनिक निचोडे़ं और आंख बन्द करके इसको ऊपर रख लें. इस गद्दी को उस समय तक रखना चाहिए जब तक कुछ ठण्डी न होने लगे. इसके पश्चात् फिर इसी प्रकार डुबोकर, निचोड़ कर, आंखों पर रखें. इसके बाद कोई ठण्डी क्रीम आंखों के इर्द-गिर्द  मलें. 

नाक के सिरे से उंगलियां चलाकर हल्के-हल्के आंखों के पपोटों पर लाएं और फिर वहां से सिर से तनिक ऊपर घुमाकर लाएं. क्रीम को अब पोछ दें. हमेशा ऊपर के पर्दे पर हल्की-सी क्रीम लगाया करें ताकि दीर्घायु में आखों के गिर्द झुर्रियां न पड़े और त्वचा में कालिमा ना आये, क्योकि यह दोनों लक्षण बड़ी उम्र के हैं.

बिच्छू काटने पर इलाज - Home remedy for scorpion bite 

बिच्छू के डंक मारने का स्थान तनिक कठिनाई से मिलता है. विशेषकर रात्रि के समय बिल्कुल पता नहीं लग सकता. और जब तक ठीक डंक के स्थान पर दवाई न लगे तब तक अच्छी से अच्छी दवाई भी लाभ नहीं करती. 

यहां एक ऐसी दवाई दी जा रही है जिसे केवल आंखों में डालने से  विष उतर जाता है. लाहौरी नमक पन्द्रह ग्राम और स्वच्छ जल 75 ग्राम मिलाकर रख लें, बस दवाई तैयार है. जिसे बिच्छू काटे उसकी आंखों में सलाई से लगाएं जितना भी विष चढ़ा होगा तुरन्त उतरना शुरू होगा और कुछ मिनटों के भीतर ही डंक के स्थान पर भी दर्द न रहेगा.

मलेरिया का सफल इलाज - Home remedy for Malaria 


किसी को प्रतिदिन या चौथे दिन सर्दी लगकर बुखार हो जाए तो यही समझना चाहिए कि रोगी को मलेरिया बुखार है.

मलेरिया की औषधि बनाने के लिए प्रतिदिन इस्तेमाल में लाए जाने वाले साफ नमक को साफ-सुथरी लोहे की कढ़ाही या तवे पर अच्छी तरह भून लिया जाए और वह भूरे रंग का हो जाए. बच्चे के लिए आधा और जवान व्यक्ति के लिए पूरा चम्मच यह नमक लेकर एक गिलास पानी में उबाल कर देना चाहिए. 

जब नमक पानी में अच्छी प्रकार से घुल जाए तो रोगी को पीने योग्य यह गर्म पानी उस समय पिला देना चाहिए जबकि उसे बुखार न चढ़ा हो. इनसे नब्बे प्रतिशत रोगियों को दोबारा बुखार चढ़ेगा ही नहीं. और यदि किसी कारण बुखार न उतरे तो नमक का यही इलाज दोबारा करें. तीसरी मात्रा की नितान्त आवश्यकता नहीं पडे़गी. हां, रोगी को सर्दी से बचने का और अधिक ध्यान देना चाहिए.

इस दवाई का वास्तविक लाभ भूखे पेट सेवन करने से ही होता है, हमें इसका खाली पेट ही सेवन करना चाहिए. 

बेमिसाल सुरमा के औषधीय गुण- Benefits of Surma 


लाहौरी नमक के चमकदार और साफ टुकड़े लेकर खूब बारीक पीस लें, यह बेमिसाल सुरमा है. आंखो में कुक्करे हो, पानी बहता हो, फूला हो (परन्तु फूला चेचक का न हो) इस सुरमे का उपयोग कीजिए, सारे कष्ट भाग जाएंगे.

दर्द और जलन का घरेल उपचार-  - Home Remedies for Pain


 बिच्छू, विषैली मक्खी  इत्यादि के डंक पर जरा-सा-पानी लगाकर बारीक पिसा हुआ नमक रगड़ने से दर्द और जलन बंद हो जाती है और सूजन नहीं होती.

सिर-दर्द का घरेल उपचार - Home Remedies for headache 

 जिस व्यक्ति को सिरदर्द हो रहा हो, उले एक चुटकी नमक जुबान पर लेना चाहिए और दस मिनट पश्चात् एक गिलास ठण्डा पानी पीना चाहिए, सिर दर्द दूर हो जाएगा.

नजला-जुकाम का घरेलू उपचार -  Home Remedies for cold and cough

सफेद नमक शहद में गोंध कर और कपड़े में लपेट कर तथा ऊपर मिट्टी लगाकर आग पर रखें. मिट्टी सुर्ख हो जाए तो नमक को अन्दर से निकाल कर पीस लें. एक ग्राम रोजाना सुबह या भोजन के पश्चात् पानी से सेवन करना जुकाम-नजला, वायु और जोड़ों के दर्द के लिए लाभदायक है.

बंद मासिक धर्म का उपचार- Home Remedies for irregular periods 

बच्चे होने के पश्चात् ठण्डी हवा या ठण्डे पानी के इस्तेमाल से गंदे खून का बाहर निकलना बन्द हो जाता है. इससे पेट में तीव्र पीड़ा और आफरा हो जाता है तथा योनि के ऊपर एक गांठ-सी पैदा हो जाती है, मूत्र बिल्कुल रूक जाता है या थोड़ा-थोड़ा आता है. कई बार गन्दे खून के रुक जाने से टांगों में तीव्र पीड़ा होती है. ऐसी अवस्था में डेढ़-डेढ़ ग्राम नमक गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार खिलाएं, इससे गन्दा खून दोबारा जारी होकर निकल जाता है.
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