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Fever: Useful Information in Hindi

बुखार आने पर ये जरूरी बातें रखें ध्यान

Terrible Fever | Ankarino | Flickr

बुखार क्या है What is fever in Hindi

बुखार, ज्वर, ताप या Fever उस स्थिति को कहते हैं जब हमारे शरीर का तापमान Normal Body Temperature  मानव शरीर के सामान्य तापमान से अधिक हो जाता है। मेडिकल भाषा में 37 डिग्री सेन्टीग्रेड अथवा 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर के ताप को बुखार कहते हैं I बुखार का वैज्ञानिक शब्द पाइरेक्सिया Pyrexia है।

बुखार क्यों आता है ?  Causes of fever



बुखार वास्तविकता में शरीर का एक प्राकृतिक सुरक्षा का साधन है । सरल रूप में आप यूँ मान लें कि शरीर के अन्दर कीटाणु और शरीर की प्रतिरोध शक्ति के बीच चलने वाली लड़ाई का बाहरी रुप बुखार है। यह भी कहा जा सकता है कि बुखार एक अन्दरूनी तकलीफ़ का ऊपरी लक्षण है और ये बुखार ही है जो कि रोगी को डाक्टर के पास लाता है । इस लिहाज से बुखार आपका दुश्मन नहीं मित्र है। वैसे तो बुखार के अनेक कारण होते हैं, परन्तु हमने सरलता के लिये ये माना है कि बुखार ज्यादातर इन्फेक्शन की वजह से होता है I बार बार बुखार आ रहा है या प्राथमिक उपचार करने के बाद भी बुखार नहीं उतर रहा तो इसे बिलकुल भी हलके में नहीं लें। बुखार में तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक जाने पर डॉक्टरी परामर्श अवश्य लें।

बुखार कैसे मापें How to measure body temperature correctly

बुखार का तापमान ठीक-ठीक मापने के लिए थर्मामीटर का उपयोग सही ढंग से करना बहुत जरूरी है। आम तौर पर बुखार (विशेषतया छोटे बच्चों में-जिनसें Thermometer थर्मामीटर को मुंह में नहीं डाल सकते) बगल का नापा जाता है । ध्यान यह रखना है कि बगल का बुखार असली बुखार से 1 डिग्री कम होता है। बुखार की  सही रीडिंग नापने के लिए आपको 1 डिग्री और बढ़ाना पड़ेगा।
बाजार में बहुत किस्म के थर्मामीटर आते हैं,, परन्तु सबसे आम तौर पर लोग मर्करी थर्मामीटर Mercury Thermometer ही काम में लेते हैं।  इसमें सावधानी रखनी चाहिये कि अगर मुंह का बुखार मापें तो टूटने का ध्यान रखें। मर्करी यानी पारा अगर मुंह में चला जाये तो खतरनाक हो सकता है I Digital Thermometer डिजिटल थर्मामीटर अधिक सुरक्षित होते हैं इनमें रीडिंग इलेक्ट्रॉनिक आती हैं, परन्तु ये कूछ कीमती होते हैं । Ear Thermometer कान में डालकर नापने का थर्मामीटर भी मिलता है परन्तु यह और अधिक कीमती होता है।


बुखार का प्राथमिक उपचार Fever treatment at home

क्रोसिन (पेरासिटामोल), ब्रूफेन, आईब्रूफेन-पैरासिटामोल काम्बीनेशन अथवा निमेसुलाईड बाजार में मिलते हैं और प्राथमिक उपचार के लिये उपयुक्त हैं । ध्यान रखें कि बुखार को दबाना बुखार का इलाज नहीं है I जितना जल्दी हो सके अच्छे डाक्टर को दिखायें और उचित इलाज या जांच के बारे में राय लें।

शरीर का तापमान कम करने के उपाय How to reduce high temperature in fever

गीली पट्टी रखना एक बहुत ही सरल और कारगर उपाय है। पट्टी रखते समय कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखें तो यह बुखार के ताप को कम करने में सहायक हो सकता है।
पानी ठण्डा नहीं होना चाहिये। निवाया पानी (शरीर के तापमान के जितना) उचित है I ठण्डा पानी बजाय बुखार घटाने के उसको बढ़ा सकता है।
सिर्फ माथे पर पट्टी करने से पूरा नहीं पड़ेगा। पूरा बदन गीला करना जरुरी है I पूरे कपड़े खोल दें और फिर पूरे बदन पर पट्टी फेर कर कुछ समय तक बदन को खुला छोड़ दें । अगर तुरन्त कपड़े पहना देंगे तो बुखार और बढ़ सकता है।
जितनी बार जरुरत हो उतनी बार पट्टी कर सकते हैं। 3 या 4  बार भी कर सकते हैं।

बुखार कितनी बार नापना चाहिये ? How to make body temperature chart in Hindi

यह आपकी जरुरत पर तथा डॉक्टर की सलाह Physician’s Recommendation पर निर्भर करेगा । जब भी बुखार महसूस हो नाप लें । कभी कभी आपको आपके डाक्टर की सलाह मिलेगी एक खास नियम से नापने की, सुबह दोपहर और शाम । इस सलाह को मानें क्योंकि इससे आपके डाक्टर को इस बुखार के स्वभाव से इसका कारण ढूढ़ने में मदद मिलेगी I एक चार्ट बना लें जिसमें तारीख और टाइम लिखा हो और इसमें बुखार का रिकार्ड रख लें ।

डिस्क्लेमर- इस लेख का उद्देश्य स्वास्थ्य के बारे में जागरुक करना है। यहां उपलब्ध कराई गई जानकारी किसी भी रुप में डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है।

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