Pushkar Fair rajasthan in Hindi
राजस्थान का पुष्कर मेला 2018
पुष्कर मेला Pushkar Fair विश्व प्रसिद्ध है और इस साल 15 नवंबर से 23 नवंबर के बीच आयोजित होगा, इस मेले को ऊंट मेला Camel Fest के नाम से भी देश दुनिया में जाना जाता है. अक्टूबर और नवंबर के बीच कार्तिक माह में आयोजित होने वाले इस वार्षिक ऊंट और पशु मेले में देश विदेश से बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं. यह मेला दुनिया के सबसे बड़े पशु मेले World's Largest cattle fair में से एक होने के कारण भी प्रसिद्ध है।
मेले के दौरान पशु प्रदर्शनियों Cattle Exhibition, विभिन प्रतियोगिताओं और आकर्षक व पारम्परिक खेलों attractive games के अलावा पशुओं के करतब मन मोहक होते हैं. मेले में पशुधन की खरीद और बिक्री के अलावा, Religious city होने का कारण यह मेला पर्यटको tourist के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.
विभिन प्रतियोगिताएं जैसे मटका फ़ोड, सबसे लंबी मूंछे, 'दुल्हन प्रतियोगिता, ऊंट की सजावट प्रतियोगिता इस मेले के मुख्य आकर्षण हैं जो हजारों पर्यटकों और फोटोग्राफर्स को आकर्षित करते है।
पुष्कर मेला रेत sand के विशाल मैदान में लगाया जाता है इसे मेला ग्राउंड के नाम से भी जाना जाता है मेले में ऊंट Camel ,घोड़े Horse और विभिन जानवरो की खरीद फरोख्त भी होती हे. मेले के दौरान विभिन चीजों की दुकानें, खाने-पीने के स्टाल, सर्कस, झूले ,पुष्कर के मंदिर ,घाटे और विशाल पशु मेले आकर्षण का केन्द्र होता है.
हॉट एयर बलूनिंग, hot air balloon
पुष्कर मेले में हॉट एयर बलूनिंग ,का मजा भी लिया जा सकता है मेले के दौरान हॉट एयर बलूनिंग में ऊंचाई से फोटोग्राफी का आनंद लिया जा सकता है साथ ही घोड़े और ऊंट की सवारी और निजी कम्पनियो द्वारा मेले के दौरान ग्लाइडिंग ,और हेलीकाप्टर से पुष्कर शहर और मेले के मनोहरम दृश्य को ऊंचाई से देखा जा सकता है
फोटोग्राफी Photography के लिये बेस्ट है पुष्कर मेला
फोटोग्राफर्स के फोटो कलेक्शन के लिहाज से भी ये मेला बहुत अचछा है ऊंट के साथ सूर्य उदय, सूर्य अस्त और रेत नुमा समुन्दर के बिच में चलते हुए ऊंट के फोटो बहुत सूंदर आते है साथ ही पशुपालक की लाइफ स्टाइल और मेले का फोटो कवरेज सुंदरता से किया जा सकता है अल सुबह रेत के धोरे के बीच से आते
ऊंटो के फोटो लिए जा सकते है ,लकिन अधिक रेत होने के कारण फोटोग्राफर्स को अपने DSLR कैमरा लेन्स बार- बार नहीं बदलने चाहिए इससे कैमरा की CCD ख़राब होने का डर बना रहता है इस लिए या तो दो कैमरा बॉडी काम में ले या फिर कोशिश करें कि लैंस बार बार ना बदलना पड़े। यदि आप मोबाइल से फोटोग्राफी कर रहे हैं तो फोटो अच्छी लेने के लिये हिंदी हाट का यह लेख भी पढ़ें- मोबाइल फोन से अच्छी फोटो कैसे लें
पुष्कर तक कैसे पहुंचे
पुष्कर जाना बहुत हीआसान और सुलभ है सड़क ,हवाई,और रेल मार्ग से पंहुचा जा सकता है पुष्कर, इसके अलवा जयपुर के नजदीक होने का कारण से मोटरसाइकिल सड़क मार्ग होते हुए भी काफी संख्या में लोग एडवेंचर्स राइड करते हुये पुष्कर पहुंचते है अजमेर से 15 किलोमीटर ,जयपुर से 145 किलोमीटर और जोधपुर से लगभग 185 किलोमीटर की दुरी तय करके राष्ट्रीय राजमार्ग सांख्य 8 से पुष्कर पंहुचा जा सकता है।
हवाई मार्ग द्वारा
देश और दुनिया के किसी भी जगह से आप हवाई मार्ग से आ रहे है तो जयपुर के सांगानेर इंटरनटिनले एयरपोर्ट तक पहुंच जाये वहा से 146 किमी की दूरी सड़क मार्ग से टैक्सी या निजी वाहन से पुष्कर पहुंच सकते है।
हाल ही में अजमेर का किशनगढ़ में भी नया एयरपोर्ट शुरू हो गया है आप वहा लैंड करने के बाद 45 किलोमीटर सड़क मार्ग से चल कर भी पुष्कर पहुंच सकते है
ट्रेन द्वारा
पुष्कर जाने के लिए अजमेर रेलवे स्टेशन तक देश भर से ट्रेनें चलती है अजमेर रेलवे स्टेशन से 15 किलोमीटर की दुरी सड़क मार्ग से तय करनी पड़ती है इसके अलावा पुष्कर रेलवे स्टेशन तक भी कुछ चुनिदा ट्रेने चलती है
सड़क मार्ग से
पुष्कर राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्ग सख्या 8 से जुड़ा हुआ है। जयपुर, जोधपुर और अजमेर बस स्टैंड से और राज्य के अन्य शहरों से पुष्कर की नियमित बसें चलती हैं। साथ ही अपने निजी वाहन और मोटरसाइकिल से भी आसानी से पंहुचा जा सकता है जयपुर से यदि आप पुष्कर जा रहे है तो अजमेर से पहले ही पुष्कर पहुंचने का एक रास्ता जाता है वहा से टर्न ले कर पुष्कर पहुंच सकते है साथ ही अजमेर से भी एक रास्ता पुष्कर के लिये जाता है
पुष्कर झील
हिंदू ग्रंथों के अनुसार, पवित्र पुष्कर झील को 'तीर्थ राज' के रूप में वर्णित किया गया है, सभी तीर्थ स्थलों का राजा पवित्र पुष्कर झील में डुबकी के बिना कोई भी तीर्थयात्रा पूरी नहीं हुई है। पुष्कर झील 52 घाटों और 400 से अधिक मंदिरों कहते है भगवान ब्रह्मा,ने यहाँ पर फूल छोड़ा था इस लिये इस शहर का नाम पुष्कर पड़ा । पुष्कर शहर पूरी दुनिया में भगवान ब्रह्मा के एकमात्र मंदिर होने के कारण भी मशूहर है ।
हिंदू शास्त्रों के पांच पवित्र शहरों में से एक पुष्कर नगरी राजस्थान के अजमेर से लगभग 15 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित, पुष्कर विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है। मेले के अलावा भी यहाँ सालभर पर्यटक आते जाते रहते है तीन तरफ से पहाड़ी से घिरा हुआ और मध्य में पुष्कर झील के साथ ही पुष्कर के गुलाब सारी दुनिया भर में निर्यात किये जाते है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, 330 देवी-देवताएं पुष्कर झील पर पूर्णिमा की रात को झील के लिए पवित्र करने के लिए एकत्रित हुए थे । इस लिए इस झील को पवित्र माना जाता है । ऐसी मानयता है की पुष्कर झील के नहाने और फिर ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करने से सारे पाप धुल जाते है कुछ लोगो का मन है की इस झील के पानी में नहाने से शरीर के रोग मिट जाते है ।
पुष्कर मेले के आलावा पुष्कर झील 52 घाटों और 400 से अधिक मंदिर होने के कारण भी पुष्कर धार्मिक नगरी है मेले में घूमने के साथ ही पुष्कर में इन जगहों पे जाये
ब्रह्मा मंदिर
पुष्कर घाटी में बसे, ब्रह्मा मंदिर धार्मिक आस्था में एक विशेष स्थान रखता है यह भगवान ब्रह्मा को समर्पित दुनिया में एकमात्र मंदिर है भगवान ब्रह्मा की चतुरमुखी मूर्ति मन्दिर में स्थित है। मंदिर पुष्कर झील के किनारे है
गुरुद्वारा सिंह सभा
गुरुद्वारा सिंह सभा, पहली और दसवीं गुरुओं- गुरु नानक देव और गुरु गोविंद सिंहजी की यात्रा को मनाने के लिए 1 9वीं सदी की शुरुआत में बनाया गया था।हर साल यहा भारी मात्रा में श्रद्धालु पहुंचते है
वराह मंदिर
वराह मंदिर पुष्कर का सबसे बड़ा और सबसे प्राचीन मंदिर है। 12 वीं शताब्दी के शासक राजा अनाजी चौहान द्वारा निर्मित यह मंदिर भगवान विष्णु के तीसरे अवतार के लिए एक जंगली सूअर के रूप में समर्पित है। पुष्कर में यह सबसे ज्यादा जाने-माने मंदिरों में से एक है।
सावित्री मंदिर
भगवान ब्रह्मा की पहली पत्नी देवी सावित्री को समर्पित यह मंदिर ब्रह्मा मंदिर के पीछे एक पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक सीढ़ियों और रोप वे के माध्यम से पहुंच सकते हैं. ऊंचाई पर होने की वजह से यहाँ से पुष्कर का दृश्य सुंदर दिखाई देता है.
रंगजी मंदिर
अनुग्रह और विशिष्ट रंगजी मंदिर में हर साल हजारों तीर्थयात्रि और पर्यटक आते हैं. यह मंदिर भगवान विष्णु का अवतार माना गया है. दक्षिण भारतीय शैली, राजपूत शैली और मंदिर की वास्तुकला में मुगल शैली का प्रभाव बेहद महत्वपूर्ण है.
पैप मोजिनि मंदिर
देवता एकादशी माता की अध्यक्षता में, पैप मोचीनी मंदिर माना जाता है, पैप मोचिनी मंदिर राजस्थान में सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है.
श्री पंचकुंद शिव मंदिर
इतिहास कारो के अनुसार पंचकुंड शिव मंदिर पांच पांडवों द्वारा निर्मित किया गया था. शहर के पूर्वी किनारे पर स्थित यह मंदिर झील से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
मैन महल (होटल सरोवर)
मैन महल पुष्कर के सबसे बड़े महलों में से एक है। राजा मान सिंह 1 के गेस्ट हाउस के रूप में निर्मित, यह महल पुष्कर में जाने के लिए सबसे आकर्षक स्थलों में से एक है. यह अब एक विरासत होटल में परिवर्तित हो गया है, जिसे आरटीडीसी होटल सरोवर कहा जाता है, यहाँ से चारों ओर झीलऔर मंदिरों का दृश्य बहुत ही सूंदर दिखाई देता है .
आत्मत्श्वर मंदिर
12 वीं सदी के मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और एक भूमिगत घटक है। जटिल हेमाडपंती वास्तुकला शैली की नक्काशी शानदार है शिवरात्रि के समय हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
पुष्कर के मालपुए हैं प्रसिद्ध
पुष्कर मेले के अलावा पुष्कर के मालपुए भी सालों से देशी-विदेशी पर्यटकों की पसंद हैं।
इज़राइली पर्यटकों की खास पसंद है पुष्कराज
पुष्कर तक पहुंचने वाले इज़राइली पर्यटकों की बड़ी संख्या के कारण ऐसा प्रतीत होता है कि हिब्रू पुष्कर शहर में एक दूसरी भाषा बन चुकी है पुष्कर में इज़राइली टूरिस्टो के कारण अधिकांश दुकानों और फास्ट फूड केंद्रों के होर्डिंग्स को हिब्रू और अन्य विदेशी भाषाओं जैसे स्पेनिश और फ्रांसीसी भाषा में लिखा हुआ है
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