biography of Shashi Kapoor in Hindi
शशि कपूर की संक्षिप्त जीवनी
शशि कपूर Shashi Kapoor ने भारतीय सिनेमा स्क्रीन पर दशकों तक अपनी मोहक मुस्कान का जादू बिखेरा। वे भारतीय सिनेमा के सफल अभिनेता थे आइए जानते हैं, उनके जीवन से जुड़े कुछ छुए-अनछुए पहलू.
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शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता (कलकत्ता) में हुआ था। उनके बचपन का नाम बलबीर राज कपूर था।
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उनके पिता का नाम पृथ्वीराज कपूर और रामसरिनी कपूर था।
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शशि कपूर के दोनों भाई राज कपूर और शम्मी कपूर भी भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता हैं।
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शशि कपूर का विवाह 1965 में अंग्रेजी फिल्मों की अभिनेत्री जेनिफर केंडल Jennifer Kendal से हुआ था।
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शशी कपूर और उनकी पत्नी जेनिफर केंडल ने 1978 में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की थी।
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नमक हलाल,दीवार,शर्मीली,सुहाग,हसीना मान जयगी,वक्त,विजेता,कभी कभी,कलयुग और सत्यम शिवम सुंदरम जैसी सुपरहिट फिल्मों में बतौर अभिनेता शशि कपूर का रोल अविस्मरणीय रहा।
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शशि कपूर को 2011 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण का अवार्ड मिला।
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शशि कपूर को 2014 में दादा साहब फाल्के अवार्ड भी मिला।
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शशि कपूर और उनकी पत्नी जेनिफर केंडल के तीन बच्चे हैं। कुणाल कपूर, करन कपूर और संजना कपूर।
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शशी कपूर की पत्नी का निधन 1984 में कैंसर की बीमारी के कारण हो गया था।
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शशि कपूर का 79 वर्ष की आयु में 4 दिसम्बर, 2017 को लम्बी बीमारी के बाद मुम्बई के कोकिलाबेन अम्बानी अस्पताल में निधन हो गया। Shashi Kapoor death date
Superhit songs of Shashi Kapoor
शशि कपूर के 10 सुपरहिट यादगार गाने
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परदेसियों से ना अँखियां मिलाना परदेसियों को है इक दिन जाना...
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लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में हज़ारो रंग के नज़ारे बन गये सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गये जो रात आई तो ...
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कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ, दिल में मेरे आज क्या है जो बोलो तो जानू,...
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बेखुदी में सनम, उठ गये जो कदम आ गये, आ गये, आ गये ...
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तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई
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ले जाएंगे,ले जाएंगे, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
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ओ मेरी, ओ मेरी, ओ मेरी शर्मीली, आओ ना, तरसाओ ना ओ मेरी शर्मीली ..
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तुम बिन जाऊँ कहाँ के दुनिया में आ के कुछ ना फिर चाहा कभी तुम को चाह के
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मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है
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तेरी रब ने बना दी जोड़ी।
शशि कपूर Shashi Kapoor ने भारतीय सिनेमा स्क्रीन पर दशकों तक अपनी मोहक मुस्कान का जादू बिखेरा। वे भारतीय सिनेमा के सफल अभिनेता थे आइए जानते हैं, उनके जीवन से जुड़े कुछ छुए-अनछुए पहलू.
शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता (कलकत्ता) में हुआ था। उनके बचपन का नाम बलबीर राज कपूर था।
उनके पिता का नाम पृथ्वीराज कपूर और रामसरिनी कपूर था।
शशि कपूर के दोनों भाई राज कपूर और शम्मी कपूर भी भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता हैं।
शशि कपूर का विवाह 1965 में अंग्रेजी फिल्मों की अभिनेत्री जेनिफर केंडल Jennifer Kendal से हुआ था।
शशी कपूर और उनकी पत्नी जेनिफर केंडल ने 1978 में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की थी।
नमक हलाल,दीवार,शर्मीली,सुहाग,हसीना मान जयगी,वक्त,विजेता,कभी कभी,कलयुग और सत्यम शिवम सुंदरम जैसी सुपरहिट फिल्मों में बतौर अभिनेता शशि कपूर का रोल अविस्मरणीय रहा।
शशि कपूर को 2011 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण का अवार्ड मिला।
शशि कपूर को 2014 में दादा साहब फाल्के अवार्ड भी मिला।
शशि कपूर और उनकी पत्नी जेनिफर केंडल के तीन बच्चे हैं। कुणाल कपूर, करन कपूर और संजना कपूर।
शशी कपूर की पत्नी का निधन 1984 में कैंसर की बीमारी के कारण हो गया था।
शशि कपूर का 79 वर्ष की आयु में 4 दिसम्बर, 2017 को लम्बी बीमारी के बाद मुम्बई के कोकिलाबेन अम्बानी अस्पताल में निधन हो गया। Shashi Kapoor death date
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना परदेसियों को है इक दिन जाना...
लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में हज़ारो रंग के नज़ारे बन गये सवेरा जब हुआ, तो फूल बन गये जो रात आई तो ...
कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ, दिल में मेरे आज क्या है जो बोलो तो जानू,...
बेखुदी में सनम, उठ गये जो कदम आ गये, आ गये, आ गये ...
तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई
ले जाएंगे,ले जाएंगे, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे
ओ मेरी, ओ मेरी, ओ मेरी शर्मीली, आओ ना, तरसाओ ना ओ मेरी शर्मीली ..
तुम बिन जाऊँ कहाँ के दुनिया में आ के कुछ ना फिर चाहा कभी तुम को चाह के
मोहब्बत बड़े काम की चीज़ है
तेरी रब ने बना दी जोड़ी।
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