Punam Yadav Biography in Hindi
पूनम यादव का जीवन परिचय
Punam Yadav Biography in Hindi
पूनम यादव Punam Yadav भारत की वेटलिफ्टर Weightlifter हैं जिन्होंने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट Gold
Coast Australia में आयोजित 21 वें राष्ट्रमंडल खेल 2018 Commonwealth
Games 2018 में 69 भार वर्ग Women's 63kg में भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक Gold
Medal जीता है। रविवार 8 अप्रैल 2018 को हुए मुकाबले में पूनम ने 222 किलो वजन उठाकर इंग्लैंड की सारा डेविस Sarah
Davies को पछाड़ कर
यह मेडल जीता। इससे पहले भी पूनम यादव 2014 में ग्लासगो Glasgow Commonwealth Games में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में 63 भार वर्ग में 202 किलो वजन उठाकर कांस्य पदक Bronze Medal जीता था। गोल्ड कोस्ट में गोल्ड मेडल जीतते ही
पूनम यादव राष्ट्रमंडल खेलों में अलग-अलग भार वर्गों में मेडल
जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला वेटलिफ्टर भी बन गयी हैं। इससे पहले संजीता चानू Sanjita
Chanu ही यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं।
पूनम यादव का परिचय
Biography of Punam Yadav
नाम
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पूनम यादव
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राष्ट्रीयता | भारत |
जन्म | 9 जुलाई 1995 |
जन्म स्थान | दादूपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
पिता | कैलाश यादव |
माता | उर्मिला यादव |
वजन | 69 |
लम्बाई | 165 सेमी |
पूनम यादव का परिवार
Family of Punam Yadav
राष्ट्रमंडल खेलों Commonwealth
Games तक पहुंचने के पीछे पूनम Poonam Yadav के
परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। परिवार के सभी सदस्यों ने उनका सहयोग किया और अपना
करिअर बनाने में मदद की। पूनम ने जब 2011 में खेलना शुरू किया था तो अपनी डाइट का जुगाड़ भी मुश्किल
से हो पाता था। पूनम के पिता मामूली किसान थे।
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2014 में ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में भेजने के लिए पिता ने
अपनी दो भैंसे बेच दी थी और 7 लाख रुपये का कर्ज लिया था। अब पूनम का सपना देश के लिए
ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतना है। पूनम का करिअर बनाने में उनकी बड़ी बहन शशि यादव Shashi Yadav का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
वह अपना खाना तक पूनम को खिला दिया करती थी। साथ की पूनम के हिस्से का घर का काम
भी खुद ही कर लिया करती थी ताकि पूनम अपने खेल पर ध्यान दे सके। इतना ही नहीं,
पूनम को आगे बढ़ाने के लिए उसकी दोनों बहनों ने अपना खेल
छोड़ दिया।
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पूनम यादव की शिक्षा
Education of Punam Yadav
पूनम यादव का शुरूआती जीवन बड़ी गरीबी में निकला। किरोसीन का तेल खत्म होने
पर कई बार तो घर में खाना तक नहीं बनता था। पूनम पढ़ाई करने के लिए सूखे पत्ते
जलाकर रोशनी किया करती थी। पूनम बीए कर रही थी और तीसरे साल BA III Year में ही उसे अपनी पढ़ाई छोड़नी
पड़ी।
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पूनम यादव का करियर
Career of Punam Yadav
कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में पूनम ने अपने कॅरिअर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
इससे पहले पूनम ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
पूनम अलमाटी Almaty Kazakhstan में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 20वें स्थान तक ही पहुंच पायी थीं। 2015 की कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में भी पूनम 69 भार वर्ग में उतरी थी और गोल्ड मेडल जीता था। हालांकि 2017 में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पूनम 9वें स्थान पर ही रह गयी थीं। इसके अलावा पूनम ने सीनियर
नेशनल चैम्पियनशिप 2014 और एशियाड 2014 में भी रजत पदक जीता है।
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रानी लक्ष्मी बाई अवार्ड
Rani Lakshmi Bai Award
पूनम यादव ने अपना करिअर शुरू करते ही जल्दी-जल्दी सफलताएं हासिल करना शुरू कर दिया। पूनम ने 2014 के एशियाड और सीनियर नेशनल में सिल्वर मेडल हासिल किया। 2014 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो Glasgow Scotland में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी ब्रोंज मेडल
मिला। पूनम की उपलब्धियों के लिए उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव Akhilesh Yadav ने उन्हें रानी लक्ष्मी बाई अवार्ड
नवाजा था।
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