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Facebook Privacy Tips in Hindi

फेसबुक पर अपने निजी डेटा की सुरक्षा कैसे करें


       अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में 5 करोड़ से अधिक फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियां एक ऑडिएन्स डेटा एनालिसिस कम्पनी को लीक होने का मामला हाल में काफी चर्चित रहा है. इसके बाद से ही Facebook फेसबुक पर निजी जानकारी Private Data की सुरक्षा को लेकर इन दिनों कई सवाल उठ रहे हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जिनसे आप फेसबुक पर अपने निजी डेटा की सुरक्षा बढ़ा सकते हैं.


Cambridge Analytica Issue in Hindi  कैम्ब्रिज एनालिटिका विवाद की जानकारी 

        कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक एकेडमिक रिसर्चर ने दिस इस योर डिजिटल लाइफ thisisyourdigitallife नाम का एक एप्प बनाया. इस पर फेसबुक यूजर्स को एक पर्सनैलिटी टेस्ट के एवज में भुगतान देने का प्रस्ताव दिया गया था. इसके लिए टेस्ट के डेटा को एकेडमिक उपयोग में लेने की फेसबुक यूजर्स को सहमति देनी थी. इस स्टडी में 27 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जो करोड़ों फेसबुक यूजर्स की सूचनाओं का सार समझने के लिए काफी था.
        सवाल यह उठता है कि जब 27 लाख लोगों ने ही अपनी सूचना थर्ड पार्टी से साझा करने की सहमति दी तो कैम्ब्रिज एनालिटिका को 5 करोड़ लोगों का डेटा कैसे मिल गया. इस बारे में फेसबुक ने जवाब दिया कि जिन लोगों ने ये एप डाउनलोड किया, उन्होंने अपने मित्रों की सीमित जानकारी एप्प में देने के लिए सहमति प्रदान की. इससे जिन लोगों ने अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स में इसकी छूट दे रखी थी, उनकी जानकारी कैम्ब्रिज एनालिटिका को मिल गई।  
        आइए अब बात करते हैं कि आपकी निजी जानकारी जुटाने वाले ऐसे एप और प्रोग्राम्स से अपनी सुरक्षा कैसे करें.  इसके लिए आप कई काम कर सकते हैं, जो यहां नीचे आपको एक-एक कर बताए जा रहे हैं.


Check your Facebook Apps अपने फेसबुक एप्स की जांच करें

        अगर आपने थर्ड पार्टी वेबसाइट, गेम या एप में आपने फेसबुक से साइन इन किया है, तो संभावना है कि ये आपका पर्सनल डेटा हासिल कर रहे हैं. इस सेटिंग को बदलने के लिए फेसबुक के सेटिंग्स पेज पर जाएं और एप्स टैब पर क्लिक करें. इससे आप देख पाएंगे कि आपके एकाउंट से कौन-कौन से एप जुड़े हुए हैं. यहां से आप देख सकते हैं कि आपने किस एप को क्या जानकारी साझा करने की परमिशन दी हुई है. जो एप आपको संदिग्ध लग रहे हैं या जिनका आपने लम्बे समय से इस्तेमाल नहीं किया है, उन्हें हटा दें. वैसे हाल में फेसबुक ने यूजर्स के फ्रेन्ड्स की विस्तृत जानकारी इकट्ठा करने से रोकने के लिए कुछ बदलाव किए हैं.


Chcek Apps Others Use Setting फ्रेंड्स के एप के लिए शेयरिंग सेटिंग बदलें  

        एप्प सेटिंग्स पेज पर ही एक अन्य सेटिंग एप्स अदर्स यूज भी है. इसमें जाकर आप तय कर सकते हैं कि जब आपके फ्रेंड्स किसी एप्प का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी कौन सी जानकारी साझा होगी. अगर आप चाहते हैं कि आपके फ्रेंड्स के एप्स पर आपके जन्मदिन या गृह नगर सहित कोई भी जानकारी साझा नहीं की जाए तो दिए गए सभी बॉक्स को अनचेक करना नहीं भूलें. 

Check your Facebook privacy settings in Hindiफेसबुक प्राइवेसी सेटिंग्स की जांच करें

        अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी और आपके फेसबुक फ्रेंड्स की कौन सी जानकारी एप्स पर दिखाई दे रही है, तो अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स में जाएं और पब्लिक में जानकारी की शेयरिंग कम से कम कर दें. उदाहरण के लिए, आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी फेसबुक पोस्ट सिर्फ आपके फ्रेंड्स को ही दिखाई दें या फिर यह कि आपकी फ्रेंड्स लिस्ट सिर्फ आपको ही दिखाई दे. 

Read privacy policy carefully    प्राइवेसी पॉलिसी  ध्यान से पढ़ें

        जब भी आप किसी नए एप या वेब टूल के लिए साइन अप करते हैं तो वह कम्पनी आपसे टर्म्स ऑफ सर्विस पर Agree सहमत होने के लिए कहती है. इन टर्म्स को पढ़ने की आदत बना लें और प्राइवेसी पॉलिसी पर विशेष ध्यान दें. अगर इसकी भाषा से आपको लगता है कि आपका डेटा इस तरह शेयर किया जा सकता है, जिससे आपको परेशानी हो सकती है तो उस प्रोग्राम का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें.



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Install Tracker Blocker ट्रैकर ब्लॉकर इंस्टाल करें

        आप अपने ब्राउजर में ऐसे एड-ऑन्स इंस्टाल कर सकते हैं जो बाहरी वेबसाइट्स में जुड़े ट्रैकर्स को ब्लॉक करते हैं. हालांकि, कई बार ऐसे ट्रैकर ब्लॉकर्स इन वेबसाइट्स को पूरी तरह नहीं खुलने देते. 
      जब आप फेसबुक से किसी एप पर जाते हैं, तो ये एप आपके वेब ब्राउजर पर कुकी जैसा कोई ट्रैकर छोड़ देता है, जो आपकी जानकारी इकट्ठा करता रहता है. यहां तक कि जब आप एप को बंद कर देते हैं, तब भी यह आपकी एक्टिविटी को ट्रैक करता रहता है, जैसे आप और कौन-कौन सी वेबसाइट पर गए या किन-किन लोगों से आपने चैट किया वगैरह-वगैरह. 


Install Ad Blockerएड ब्लॉकर इंस्टाल करें

       ट्रैकर्स को रोकने का एक दूसरा तरीका है कि अपने फोन या कम्प्यूटर पर एड यानी विज्ञापन खुलना पूरी तरह रोक दिए जाएं. मोबाइल एड पूरे प्रोग्राम होते हैं और हो सकता है कि किसी विज्ञापन में मैलवेयर छिपे हों जो आपकी जानकारी चुरा रहे हों.

Clear your Browsing Data  ब्राउजिंग डेटा डिलीट करें

        समय-समय पर आप अपने कुकीज और ब्राउजिंग हिस्ट्री हटाते यानी delete करते रहें. एप्पल के सफारी, गूगल के क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट के इंटरनेट एक्सप्लोरर में यह जानकारी स्पष्ट दी गई होती है कि आप अपनी ब्राउजिंग हिस्ट्री कैसे हटाएं. इससे कुछ समय के लिए कुकीज और ट्रैकर्स हट जाएंगे, लेकिन जब आप वापस उन साइट्स पर जाएंगे तो ये कुकीज और ट्रैकर्स वापस आ सकते हैं. 

हर नया एप ट्राइ नहीं करें

       किसी ऐसी कम्पनी या संस्था के एप को डाउनलोड करने में सावधानी बरतें, जिसके बारे में आप पहले से नहीं जानते. भले ही आपने प्राइवेसी पॉलिसी अच्छी तरह पढ़ ली हो, फिर भी इसे समझने में भूल तो हो ही सकती है. जैसे अगर आपने दिस इज योर डिजिट लाइफ thisisyourdigitallife एप डाउनलोड किया हो, तो उसमें यूजर्स को बताया गया था कि जानकारी एकेडमिक उद्देश्य के लिए ली जा सकती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली. 
        तो देर किस बात की है, आप भी ऊपर बताए गए इन उपायों को लागू करिए और फेसबुक पर अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित बनाइए. 
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