Festivals & Days of October Month
अक्टूबर के त्यौहार और खास दिन
Festivals & Days of October Month
विनिता सैनी @hindihaat
इस वर्ष अक्टूबर के महीने में मोहर्रम (ताजिया), गाँधी जयंती, धनतरेस, रूपचौदस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाईदूज, आंवला नवमी, कार्तिक पूर्णिमा और कार्तिक करवाचौथ त्यौहार मनाए जाएंगे.
इस साल दिवाली का त्यौहार 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा, इस दिन को "रोशनी का त्यौहार" भी कहा जाता है। ऐसा मानना है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात पुन: अयोध्या लौटे थे। इस दिन अयोध्यावासियों का ह्दय अपने प्रिय राजा के आगमन से उल्लासित हो उठा था। प्रभु राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दिए जलाए। कार्तिक मास की अमावस्या की वह रात्रि दियों की रोशनी से जगमगा उठी। तभी से असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की विजय का यह त्यौहार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन नये कपड़े पहने जाते हैं। महिलाएं विशेष श्रृंगार करती हैं। घर में तेल और घी के दीपक जलाये जाते हैं और पूरे परिवार के साथ मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। बाजार में सभी जगह इमारतें रोशनी की जाती हैं। लाइटें लगायी जाती हैं और पूरा देश इस दिन रोशनी से जगमगाया उठता है। इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है इस दिन पटाखे चले की परम्परा भी है।
हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की नवमी के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है और ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है साथ ही दक्षिणा भी दी जाती है।
गांधी जयंती Gandhi Jayanti
प्रति वर्ष 2 अक्टूबर के दिन को गांधी जयंती के रुप में मनाया जाता है। दिल्ली में स्थित राजघाट पर बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होता है। इसके साथ ही ना केवल भारत में बल्कि विश्व के कई देशों में प्रार्थना सभाओं का बापू के प्रिय भजनों सहित और कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। पूरे भारत में 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय छुट्टी होती है। इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है हर जगह बापू का प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम... गया जाता है।
धनतेरस Dhanteras
पांच दिवसीय दीपोत्सव दिवाली प्रारंभ होती है। धनतेरस के दिन शुभ मुहुर्त में सोना—चाँदी, बर्तन, कपड़े, व अन्य नए सामान की ख़रीददारी की जाती है। इस दिन बड़ी मात्रा में चांदी के सिक्कों की ख़रीदारी की जाती है। व्यापारी इस दिन हिसाब—किताब रखने के लिए बही—खाते खरीदते हैं। दिवाली महापर्व की शुरुआत भी इस दिन से हो जाती है। धनतेरस के दिन से ही घरों और बाजारों में रौशनी की शुरुआत हो जाती है। घरों में दीपक जलाए जाते हैं और लोग शाम के समय परिवार के साथ सजे—धजे और रौशनी से जगमग बाजारों को देखने जाते हैं।
रूप चौदस (छोटी दीपावली) Roop Chaudas
इस दिन महिलाएं श्रृंगार करके समूह में पूजा पाठ करती हैं। शाम के समय घर में तेल और घी के दीपक जलाए जाते हैं। इस दिन को छोटी दिवाली भी कहते हैं। घरों के साथ ही मंदिरो में भी दीपक जलाए जाते हैं।दिवाली Diwali
इस साल दिवाली का त्यौहार 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा, इस दिन को "रोशनी का त्यौहार" भी कहा जाता है। ऐसा मानना है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात पुन: अयोध्या लौटे थे। इस दिन अयोध्यावासियों का ह्दय अपने प्रिय राजा के आगमन से उल्लासित हो उठा था। प्रभु राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दिए जलाए। कार्तिक मास की अमावस्या की वह रात्रि दियों की रोशनी से जगमगा उठी। तभी से असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की विजय का यह त्यौहार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन नये कपड़े पहने जाते हैं। महिलाएं विशेष श्रृंगार करती हैं। घर में तेल और घी के दीपक जलाये जाते हैं और पूरे परिवार के साथ मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। बाजार में सभी जगह इमारतें रोशनी की जाती हैं। लाइटें लगायी जाती हैं और पूरा देश इस दिन रोशनी से जगमगाया उठता है। इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है इस दिन पटाखे चले की परम्परा भी है।
गोवर्धन पूजा Govardhan Pooja
जमीन पर ऐसे बनाएं गोवर्धन |
इस साल 2017 में 19 अक्टूबर के दिन गोवर्धन पूजा की जाएगी। इस दिन सुबह घरों के आगे गोबर की विशेष अकृति बना कर पूजा की जाती है। महिलाएं, पुरुष व बच्चे सभी इस पूजा में शामिल होते हैं। गोवर्धन पूजा भी होती है। इस दिन शाम के समय मंदिरों में अन्नकूट का आयोजन किया जाता है। अन्नकूट बना कर उसका वितरण किया जाता है। इस दिन को बूढ़ी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा मानना है कि जब कृष्ण ने बृजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर रखा, तभी से हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की परम्परा निरन्तर चल रही है।
भाई दूज Bhai Dooj
इस साल 2017 में भाई दूज 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पांच दिवसीय दीपोत्सव के अंतिम दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। रक्षाबंधन की ही तरह भाई-बहन के अटूट प्रेम रिश्ते के लिए यह मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और भाई उन्हे उपहार देते हैं।आंवला नवमी avala navmi
आंवला नवमी पूजा का विधानहिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की नवमी के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है और ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है साथ ही दक्षिणा भी दी जाती है।
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