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दाती पर शनि की साढ़े साती !

दाती महाराज की ही एक पूर्व शिष्या ने आरोप लगाया है  कि 2 साल पहले शनि धाम के अंदर उसका यौन उत्पीड़न किया गया था और तब  डर के कारण उसने शिकायत दर्ज नहीं करवाई. daati maharaj latest news

अब महाराज पर महिला ने यौन उत्पीड़न का मामला दिल्ली में दर्ज करवाया है. पुलिस ने महिला  की शिकायत के बाद daati ji maharaj दाती महाराज के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 377, 354 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया. गौरतबल है की daati maharaj delhi दिल्ली-एनसीआर में लोग बड़ी संख्या में दाती महाराज का अनुसरण करते हैं.

दिल्ली पुलिस ने दुष्कर्म के आरोप लगने के बाद दाती महाराज के  खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है. पुलिस को शक है कि दाती महाराज भारत से बाहर भाग सकता है. यह आलेख लिखे जाने तक दांती महाराज पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए अपने पाली आश्रम से जा चुके थे.

दाती जी महाराज की जीवनी 

धर्मगुरु और राजस्थान में शनिधाम के संस्थापक दाती महाराज का पूरा नाम दाती मदन महाराज है.राजस्थान राज्य में जिला पाली में दाती महाराज का विशाल आश्रम है. दाती महाराज को श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनीधाम पीठधेश्वर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती जी महाराज के नाम से भी जाना जाता है. महाराज अनेको टीवी शो के माध्यम से राशिफल और शनी की चर्चा करते है. उनकी खुद की वेबसाइट है और अपने उपदेशो को शनि भक्तों  तक पहुंचाने के लिए  सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं. दक्षिण दिल्ली में उनके पास विशाल फार्म हाउस है।

शनि शत्रु नहीं मित्र है! 

शनिधाम के संस्थापक दाती मदन महाराज ने शनि को दुश्‍मन नहीं बल्‍कि मित्र बताया था. इसी को लेकर वो सुर्खियों में भी आए थे. दाती महाराज नियमित रूप से अनको  राष्ट्रीय व स्थानीय  समाचार चैनलों पर आते हैं.

दांती माहराज की वेबसाइट के अनुसार परमहंस दाती जी महाराज एक कुशल योगी हैं, लंबे समय से उनके द्वारा किए गए व्यापक ध्यान के माध्यम से, उन्होंने भगवान शनि को प्रसन्न किया और उन्हें श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनीधाम पीठधेश्वर का खिताब दिया गया. महाराज ने  पूरे देश और मानव जाति के लिए निस्संदेह सेवा की है 

किसने दी महामंडलश्वेर की उपाधि 

दाती महराज के सामाजिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए उन्हें श्री पंचायती महानारायण अखाड़े ने हरिद्वारम में आयोजित महाकुंभ में महामंडलश्वेर की उपाधि से सम्मानित किया गया था.


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दाती मदन महाराज का जीवन परिचय

daati maharaj wiki दाती मदन महाराज का जन्म 10 जुलाई 1950 को राजस्थान के पाली जिला के अलावास गांव में मेघवाल परिवार में हुआ था. महाराज की बाल्यावस्था में ही माँ का निधन हो गया था. उनका परिवार ढोल बनाने का काम करता था. उनके पिता देवाराम भी ढोलक बनाने का काम ही करते थे. कुछ समय बाद पिता देवाराम का भी निधन हो गया है. इसके बाद मदन अपने परिचित के साथ दिल्ली आ गया और चाय की दुकान पर काम करने लगा.

कुछ समय बाद मदन ने दिल्ली में ही के​टरिंग के बिजनेस में हाथ जमाया और कुछ पैसा कमाया. इसके बाद वे एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया जो ज्योतिष का ज्ञान जानता था. मदन ने उस व्यक्ति को अपना गुरू बना लिया और ज्योतिष विद्या सीखी. ज्योतिष विद्या सीखने के बाद मदन ने अपना नाम बदलकर दांती महाराज कर लिया और दिल्ली के ही एक रिहाइशी इलाके कैलाश कॉलोनी में ज्योतिष सेंटर astrologer daati maharaj खोल लिया.


इस दौरान एक व्यक्ति के बारे में dati maharaj उनकी भविष्यवाणी सच हो गई तो उस व्यक्ति ने अपना पुश्तैनी मंदिर दांती महाराज को दान में दे दिया. इस मंदिर को उन्होंने आश्रम में तब्दील कर दिया और जल्दी ही वे शनि पर अपने व्याख्यान देने लगे जो प्रचलित मान्यताओं के विपरीत था. इस बात ने दांती महाराज को मशहूर कर दिया और शनि की साढ़े साती और ढैया से प्रभावित लोग उनकी शरण में जाने लगे.

दाती महाराज इसके बाद विभिन्न चैनल्स पर ज्योतिष की भविष्यवाणियां करते नजर आने लगे. दांति महाराज ने कई स्कूल और शिक्षा संस्थान खोले. उन्होंने आयुर्वेद में भी हाथ आजमाया और अब वे एक मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे थे. जिसका काम चल रहा है. इस मामले के बाद उनकी प्रतिष्ठा को धक्का लगा है. अब यह आने वाला समय ही बताएगा कि वे इस मामले मे बरी होते हैं या फिर दोषी.


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